Edited By Diksha kanojia, Updated: 24 Jul, 2021 05:52 PM
बोकारो इस्पात कारखाने के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मणिकांत प्रधान ने दुर्घटना की सूचना देते हुए बताया कि ब्लास्ट फर्नेस-2 टारपीडो लैडल से रिसाव के चलते पिघलते लोहे के रेलवे ट्रैक पर बह जाने के कारण आग की भीषण लपटें उठने लगीं। अग्निशमन दस्ते ने लगभग दो...
बोकारोः भारतीय इस्पात प्राधिकरण (स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, सेल) के झारखंड के बोकारो स्थित बोकारो इस्पात कारखाने के ब्लास्ट फर्नेस-2 टारपीडो लैडल से रिसाव के चलते पिघलते लोहे के रेलवे ट्रैक पर बह जाने के कारण शुक्रवार सुबह भीषण आग लगी। घटना के वक्त वहां लगभग 100 कर्मचारी काम कर रहे थे, वे सभी सुरक्षित हैं।
बोकारो इस्पात कारखाने के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मणिकांत प्रधान ने दुर्घटना की सूचना देते हुए बताया कि ब्लास्ट फर्नेस-2 टारपीडो लैडल से रिसाव के चलते पिघलते लोहे के रेलवे ट्रैक पर बह जाने के कारण आग की भीषण लपटें उठने लगीं। अग्निशमन दस्ते ने लगभग दो घंटे के बाद आग पर काबू पा लिया। प्रधान ने बताया कि यह घटना आज सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर हुई। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ जबकि दुर्घटना के समय वहां लगभग सौ कर्मचारी कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा और दो घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
पिघले लोहे से ट्रैक पर फैली आग के कारण आसपास के केबल जल कर राख हो गए। लेकिन कंपनी ने दावा किया कि घटना के तीन घंटे बाद फिर से पूरी व्यवस्था को दुरुस्त कर कारखने में उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग से 1965 में स्थापित बोकारो इस्पात कारखाने में इस घटना से हुए नुकसान का अभी आकलन किया जा रहा है लेकिन दुर्घटना का कारखाने के उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया गया है।