Edited By Diksha kanojia, Updated: 14 Feb, 2021 01:32 PM
सीएम ने कहा कि सरकार के लिए यह चुनौती थी कि आर्थिक रूप से इसका टिकाऊ समाधान तैयार किया जाए और जिले के सबसे दूरस्थ क्षेत्र में कुपोषण उपचार केंद्र की सेवा प्रदान की जाए। इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल...
रांचीः झारखंड में कुपोषण को मात देने के लिए मोबाइल कुपोषण उपचार वैन सेवा शुरू की गई है। प्रदेश में कुपोषण के सर्वाधिक मामलों से जूझ रहे चतरा जिले के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं, जहां बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।
सीएम ने कहा कि सरकार के लिए यह चुनौती थी कि आर्थिक रूप से इसका टिकाऊ समाधान तैयार किया जाए और जिले के सबसे दूरस्थ क्षेत्र में कुपोषण उपचार केंद्र की सेवा प्रदान की जाए। इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल मालन्यूट्रिशन ट्रीटमेंट वैन सेवा शुरू किया गया। वर्ष 2022 तक कुपोषण की समस्या को दूर करने और इसकी संख्या में 10 से 15 प्रतिशत तक कमी दर्ज करने का लक्ष्य रख कार्य आरम्भ हुआ है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा कि झारखंड को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। स्वस्थ बच्चों के बिना कोई समाज समृद्ध नहीं हो सकता। बहनों और बच्चों की थालियों में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन सुनिश्चित करने के लिए दीदी बाड़ी योजना शुरू की गई है। इसके अलावे अन्य आवश्यक कदम भी उठाए जा रहे हैं।