डेलोइट इंडिया और XLRI के बीच हुआ MOU, बदलते परिदृश्य में शिक्षा और वर्कप्लेस इनोवेशन पर आवश्यक पहल की तैयारी

Edited By Khushi, Updated: 29 Dec, 2024 12:11 PM

mou signed between deloitte india and xlri will bring

डेलोइट इंडिया और एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ। दोनों ही संस्थान मिल कर बदलते परिद्दश्य में शिक्षा और वकर्प्लेस पर इनोवेशन से जुड़ी बातों को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभायेंगे।

रांची: डेलोइट इंडिया और एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ। दोनों ही संस्थान मिल कर बदलते परिद्दश्य में शिक्षा और वकर्प्लेस पर इनोवेशन से जुड़ी बातों को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभायेंगे। डेलोइट की ओर से साउथ एशिया में कंसल्टिंग के प्रेसिडेंट सतीश गोपालैया और एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस. जार्ज ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए।

बताया गया कि इस समझौते के बाद इनोवेशन को बढ़ावा देने, सीखने के अवसरों को बढ़ाने और शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में अपनी भूमिका निभाएगा। यह समझौता उभरते व्यापार परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए भविष्य के बिजनेस लीडर को तैयार करने के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। डेलोइट साउथ एशिया में कंसल्टिंग के प्रेसिडेंट सतीश गोपालैया ने पिछले दिनों एक्सएलआरआई जमशेदपुर की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने जनरल मैनेजमेंट प्रोग्राम (जीएमपी) बैच के विद्यार्थियों से मुलाक़ात की थी जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी बातों को साझा करते हुए कहा था कि जिस प्रकार से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है, एआइ और चैटजीपीटी के इस युग में जरूरी है कि आप भविष्य की चुनौतियों के लिए ना सिर्फ तैयार रहे बल्कि अपने आप को भी इसके लिए अपग्रेड करते रहें। इस दौरान एक्सएलआरआइ के विद्यार्थियों से उन्होंने कई रोचक बातें साझा की, साथ ही विद्यार्थियों के सभी सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत किया।

डेलोइट साउथ एशिया में कंसल्टिंग के प्रेसिडेंट सतीश गोपालैया ने कहा कि उन्होंने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्टी इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। आज अपनी मेहनत और हमेशा सीखने की प्रवृत्ति की वजह से दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी कंसल्टेंसी कंपनी का वे नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने इस सफर में आत्मविश्वास और जीतने की मानसिकता को प्रमुख कारण माना। कहा कि, 'आपकी पृष्ठभूमि आपकी क्षमता को परिभाषित नहीं करती है। आपका खुद पर विश्वास करता है''। उन्होंने अपनी सफलता को आकार देने में अनुकूलनशीलता और आजीवन सीखने की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात की। सत्र के दौरान, सतीश ने भारत में डेलोइट की परिवर्तनकारी यात्रा के बारे में विस्तार से बताया और अत्याधुनिक तकनीक, प्रतिभा विकास और ग्राहक-केंद्रित समाधानों में निवेश जैसी रणनीतिक पहलों पर प्रकाश डाला, जो डेलोइट के निरंतर नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने डेलोइट के अभिनव समाधानों जैसे जनरेटिव एआई, ग्रीन कोडिंग और समावेशी प्रौद्योगिकी विकास के उदाहरणों का हवाला देते हुए व्यवसाय के भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में अंतर्दृष्टि साझा की।

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