अब जलकुंभी से बनेंगी साड़ियां, महिलाओं को आजीविका मुहैया करने से उनका सशक्तिकरण होगा

Edited By Diksha kanojia, Updated: 08 Feb, 2022 05:43 PM

now saris will be made from hyacinth

इस परियोजना के लिए हाथ मिलाने वाले दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) में से एक ‘स्वच्छता पुकारे'' के निदेशक गौरव आनंद ने बताया कि जलकुंभी से निकाले गए रेशों को पश्चिम बंगाल की मशहूर ‘तांत'' साड़ी में इस्तेमाल होने वाले कपास के साथ मिलाकर ‘फ्यूजन साड़ी''...

 

जमशेदपुरः जलाशयों के प्रदूषक के तौर पर जाने जानी वाली जलकुंभी का इस्तेमाल अब साड़ी बनाने में होगा और इससे एक ओर जहां महिलाओं को आजीविका मुहैया करन से उनका सशक्तिकरण होगा, वहीं दूसरी ओर जलाशयों को भी साफ करने में मदद मिलेगी।

इस परियोजना के लिए हाथ मिलाने वाले दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) में से एक ‘स्वच्छता पुकारे' के निदेशक गौरव आनंद ने बताया कि जलकुंभी से निकाले गए रेशों को पश्चिम बंगाल की मशहूर ‘तांत' साड़ी में इस्तेमाल होने वाले कपास के साथ मिलाकर ‘फ्यूजन साड़ी' बनाई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने शुरुआती तौर पर जलकुंभी से निकाले गए रेशों से कम से कम एक हजार साड़ी की बुनाई करने का लक्ष्य रखा है। जलकुंभी से रेशे निकालने की प्रक्रिया जूट से रेशे निकाले की प्रक्रिया के समान है।'' आनंद ने उम्मीद जताई कि इस साल जून या जुलाई में जलकुंभी के रेशे से बनी साड़ी बाजार में आ जाएगी।

उन्होंने बताया कि संगठन ने करीब 200 महिलाओं को काम पर रखा है और उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के तहत बोंगांव और मछलंदपुर के 30 से 40 तालाबों से जलकुंभियों को एकत्र करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जलकुंभी को जलाशय से निकालने के बाद सुखाया जाएगा और उसके बाद उससे पतले रेशे निकाले जाएंगे और उन्हें बारीक धागों में तब्दील किया जाएगा। आनंद ने कहा, ‘‘इन धागों का इस्तेमाल इन दो स्थानों पर गुणवत्तापूर्ण साड़ी की बुनाई में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ‘स्वच्छता पुकारे' ने अन्य एनजीओ नेचरक्राफ्ट के साथ समन्वय किया है जो पहले ही जलकुंभी से इलेक्ट्रिक लैंप, कलाकृति, टाइल, चटाई आदि बना रहा है। आनंद ने कहा, ‘‘शुरुआत में हम स्वेच्छिक रूप से परियोजना में योगदान कर रहे हैं और इसपर करीब 20 लाख रुपये खर्च आने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि पूर्ण क्षमता से काम शुरू हो जाने पर योजना से जुड़ी महिलाओं को चार से पांच हजार रुपये प्रति माह की आय होने की उम्मीद है।

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