गुमला में नक्सली संगठनों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक उग्रवादी ढेर

Edited By Diksha kanojia, Updated: 01 Nov, 2021 11:41 AM

one militant killed in a mutual fight between naxalite organizations

सुकर उरांव की मौत कैसे हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पायी है, लेकिन मौके पर माओवादियों द्वारा कुछ दिन पहले ही पोस्टर छोड़ कर जेजेएमपी सुप्रीमो सुकर उरांव समेत चार लोगों को सजा देने की घोषणा की गयी थी, इस कारण ऐसी संभावना जताई जा रही है कि...

 

गुमलाः झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक नक्सली मारा गया। पुलिस ने रविवार को बताया कि घाघरा थाना क्षेत्र के लावादाग जंगल में रविवार सुबह नक्सली संगठन जेजेएमपी सुप्रीमो सुकर उरांव का शव बरामद किया गया।

सुकर उरांव की मौत कैसे हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पायी है, लेकिन मौके पर माओवादियों द्वारा कुछ दिन पहले ही पोस्टर छोड़ कर जेजेएमपी सुप्रीमो सुकर उरांव समेत चार लोगों को सजा देने की घोषणा की गयी थी, इस कारण ऐसी संभावना जताई जा रही है कि माओवादियों ने ही इस घटना को अंजाम दिया हैं। सूत्रों के अनुसार सुकर उरांव लोहरदगा के सेन्हा के पाली गांव का रहनेवाला था। उसके पिता का नाम गेंदरे उरांव उर्फ बुदरू पाहन है। विगत 19 जुलाई को माओवादियों ने पोस्टर चिपकाकर जेजेएमपी के 4 सदस्यों को मारने का ऐलान किया था।

भाकपा माओवादी कोयल संघ जोन कमेटी ने यह पोस्टर चिपकाया था। जिसमें जेजेएमपी के पप्पू, रविंद्र, सुकरा और माठु को गुंडों का सरदार बताया था। पोस्टर में लिखा था कि इन चारों को सजा देने की जरूरत है। पुलिस मुठभेड़ में कई माओवादी मारे गये थे, जिसका जिम्मेवार जेजेएमपी के इन चारों को माओवादी मान रहे थे और ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि इसी का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया।

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