हेमंत सरकार गिराने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने CBI/ED जांच के लिए हाईकोर्ट में दायर की याचिका

Edited By Diksha kanojia, Updated: 28 Jul, 2021 04:44 PM

petition filed in hc for cbi inquiry in hemant government topple

मामले में याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार यादव के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य के हित से जुड़े इस मामले में उन्होंने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर इसकी जांच राज्य सरकार को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग...

रांचीः झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की कथित साजिश के पर्दाफाश को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में पूरे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, ईडी और आयकर विभाग से कराने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

मामले में याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार यादव के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि झारखंड राज्य के हित से जुड़े इस मामले में उन्होंने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर इसकी जांच राज्य सरकार को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग को सौंपने का निर्देश देने का आग्रह किया है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि याचिका में कांग्रेसी विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के कॉल डिटेल की जांच की मांग की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जानकारी उन्हें कहां से मिली। यह भी पता लगाया जाए कि अनूप सिंह ने विदेश जाकर किन-किन लोगों से मुलाकात की है।

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से ही राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा है। इससे मतदाता अपने को ठगा महसूस कर रहा है। अपने क्षेत्र के विकास के लिए मतदाता विधायक का चुनाव करता है, लेकिन विधायक अपने फायदे और पद की लालच में बिक जाते हैं, जो मतदाता के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। याचिका में पिछले पांच माह में दिल्ली जाने वाले सभी विधायकों की जांच करने की मांग की गई है ताकि यह पता चल पाए कि दिल्ली जाने वाले विधायक किन-किन लोगों से मिले हैं। इसके साथ ही इनके खातों की जांच की भी मांग की गयी है जिससे पता चल सके कि इस दौरान उनके खाते से कहां-कहा ट्रांजेक्शन किया गया है। पूर्व में भी राज्य में पहले के कई विधायकों पर राज्यसभा में खरीद-फरोख्त मामले में आरोप पत्र दाखिल किये गये हैं।

इसमें विधायक उमाशंकर अकेला पर वर्ष 2010 के मामले में आरोप पत्र:चार्जशीटः दाखिल की जा चुकी है। राजीव कुमार ने याचिका में कहा कि विपक्ष का दावा है कि यह सत्ता पक्ष का केवल दुष्प्रचार:प्रोपगेंडाः है तो यदि इसमें कोई भी सच्चाई है तो इसका भी पर्दाफाश होना चाहिए। लेकिन अगर सही मामला है तो सरकार को अस्थिर करने का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश सीबीआई को दिया जाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि इस मामले में 22 जुलाई को रांची में पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसके आधार पर एक विशेष जांच दल बनाकर रांची पुलिस इसकी जांच कर रही है। मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की गयी है। इस जांच के सिलसिले में एक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम दिल्ली भी गयी है।

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