Edited By Diksha kanojia, Updated: 13 Jun, 2022 11:55 AM
रांची के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नौशाद आलम ने बताया कि कडरू के मदरसा हुसैनिया में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास कर रहे दिल्ली से आये जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन को ऐसा करने से रोक दिया गया तथा उन्हें संवाददाता सम्मेलन के...
रांचीः पैगंबर मोहम्मद विवाद मामले को लेकर रांची में दो दिन पहले हुई हिंसा के बाद संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास कर रहे जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन को पुलिस ने ऐसा करने से रोक दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
रांची के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नौशाद आलम ने बताया कि कडरू के मदरसा हुसैनिया में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास कर रहे दिल्ली से आये जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन को ऐसा करने से रोक दिया गया तथा उन्हें संवाददाता सम्मेलन के मध्य से ही वहां से हटा दिया गया। एसपी नौशाद आलम और अरगोड़ा के थाना प्रभारी विनोद कुमार ने मौके से मौलाना को उठने के लिए कहा जिसके बाद वह मदरसे से बाहर चले गए। एसपी और थाना प्रभारी ने कहा कि रांची में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर धारा 144 लागू है, ऐसे में संवाददाता सम्मेलन करना कानूनी तौर पर गलत है।
रांची में शुक्रवार को हिंसक घटना के बाद यहां माहौल तेजी से सुधर रहा है और स्थिति शांतिपूर्ण है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इससे पहले मौलाना हकीमुद्दीन ने पत्रकारों से बातचीत में घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए सरकार से उचित मुआवजे की मांग की और लोगों से देश भर में अमन और शांति बनाए रखने की अपील की। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार झा समेत 11 पुलिसकर्मी तथा कई अन्य लोग घायल हो गये थे, जिनमें आधा दर्जन की हालत गंभीर है। इस मामले में अब तक पुलिस ने एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।