रघुवर दास ने लोहरदगा की हिंसा में पीएफआई संगठन का हाथ होने की जताई आशंका

Edited By Diksha kanojia, Updated: 13 Apr, 2022 12:32 PM

raghuvar das fears involvement of pfi organization in lohardaga violence

साथ ही राज्य सरकार से इस मामले की तह तक जाकर दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग उठायी। हालांकि, जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर दास को हिंसाग्रस्त गांव जाकर पीड़ितों से मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी।

 

लोहरदगाः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लोहरदगा में रामनवमी के जुलूस पर 10 अप्रैल को हुए कथित हमले और उसके बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में प्रतिबंधित संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) का हाथ होने की आशंका जतायी है।

साथ ही राज्य सरकार से इस मामले की तह तक जाकर दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग उठायी। हालांकि, जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर दास को हिंसाग्रस्त गांव जाकर पीड़ितों से मुलाकात करने की अनुमति नहीं दी। रघुवर दास लोहरदगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के हिरही भोक्ता गांव में पीड़ितों से मिलने पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने धारा-144 लागू होने की बात कहते हुए उन्हें वहां जाने से रोक दिया। दास ने आरोप लगाया, ‘‘लोहरदगा में लगातार हिंदू समाज के खिलाफ हो रही हिंसा यहां के स्थानीय कांग्रेस विधायक और राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के इशारे पर हो रही है।''

भाजपा नेता ने यह भी आशंका जतायी कि इस हिंसा के पीछे कहीं पीएफआई का हाथ तो नहीं है। उन्होंने इस प्रतिबंधित संगठन की राज्य में भूमिका की जांच की मांग उठायी। दास ने कहा, ‘‘जुलूस इस क्षेत्र से जायेगा, इस क्षेत्र से नहीं जायेगा, यह इस देश में नहीं चलेगा। साथ ही दिखावे की कार्रवाई का भी भाजपा कड़ा विरोध करेगी।'' उन्होंने कहा कि प्रशासन का ‘बैलेंसिंग एक्ट' नहीं चलेगा, जिसमें दोनों पक्षों के बराबर-बराबर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दास ने कहा कि जो दोषी है, उस पर निष्पक्ष होकर कार्रवाई करनी होगी। बाद में दास लोहरदगा के सदर अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे, जहां पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकला रहा था लेकिन उस पर पथराव किया गया। पीड़ितों ने सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।

लोहरदगा में रघुवर दास ने भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं अनेक अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और स्थिति की जानकारी ली। दास ने आरोप लगाया कि पहले से तैयारी कर घटना को अंजाम दिया गया और इस तरह की घटनाओं के लिए कांग्रेस के स्थानीय विधायक तथा राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि जुलूस में सुरक्षा के नाम पर मात्र तीन-चार पुलिसकर्मी थे, जिनके पास डंडा भी नहीं था। दास ने पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने घटना के पीड़ितों के परिजनों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात कर उन्हें हिम्मत रखने का हौसला दिया। लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत समेत कई अन्य लोग दास के साथ मौजूद रहे।

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