Edited By Diksha kanojia, Updated: 14 Jun, 2021 11:35 AM
सेल के सूत्रों ने रविवार को बताया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल के कोलकाता स्थित रॉ मैटेरियल डिवीजन (आरएमडी) का मुख्यालय को अब बंद किया जाएगा। इस सप्ताह के अंत में नयी दिल्ली में सेल बोडर् की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई...
रांचीः देश की महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) के कोलकाता स्थित कच्चा माल प्रभाग (आरएमडी) के अधीन आने वाले आधा दर्जन से अधिक खदान अब बोकारो इस्पात संयंत्र के अधीन होंगे। सेल के इस निर्णय से बोकारो इस्पात संयंत्र को आर्थिक रूप से मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सेल के सूत्रों ने रविवार को बताया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल के कोलकाता स्थित रॉ मैटेरियल डिवीजन (आरएमडी) का मुख्यालय को अब बंद किया जाएगा। इस सप्ताह के अंत में नयी दिल्ली में सेल बोडर् की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है। कोलकाता के आरएमडी मुख्यालय के अधीन संचालित माइंस का कार्यभार अब सेल के झारखंड स्थित बोकारो स्टील प्लांट और ओड़िशा के राउरकेला इस्पात प्रबंधन को सौंपा गया है। प्रबंधन के इस निर्णय के बाद कंपनी की प्रति वर्ष 50 करोड़ से ज्यादा की बचत होने की बात कही जा रही है। स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय इस्पात मंत्री व पीएमओ को पत्र लिखकर आरएमडी का मुख्यालय कोलकाता के बजाय राउरकेला स्थानांतरित करने की मांग की थी।
वहीं बोकारो के भाजपा विधायक और झारखंड विधानसभा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण का कहना है कि इससे बोकारो स्टील प्लांट की ताकत बढ़ेगी। साथ ही जो 50 करोड़ का फिजूलखर्च हो रहा था, उस पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर को निर्णय लेने के लिए कोलकाता मुख्यालय की ओर देखना पड़ता था और उनके निर्णय का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब वह स्वयं निर्णय ले सकेंगे और प्लांट हित में कार्य होगा। उन्होंने कहा कि सेल आरएमडी का मुख्यालय कोलकाता में रखने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है , ऐसे में किस आधार पर रखा गया था यही सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने केंद्र सरकार और इस्पात मंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है । इससे बोकारो स्टील प्लांट को मजबूती मिलेगी क्योंकि चार कोलियरी के साथ इन्हें दो अयस्क माइंस भी इनके हिस्से में आ रहा हैं। वहीं मजदूर यूनियन ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अच्छा निर्णय है।
दरअसल ये पहले से ही मांग उठती रही थी कि कोलकाता स्थित सेल का आरएमडी कार्यालय को अगर बंद कर दिया जाय तो कंपनी प्रबंधन को करोड़ों रुपए की आर्थिक बचत होगी वहीं आरएमडी के अधिकारी कर्मचारियों का अलग-अलग इस्पात संयंत्र में तबादला होने से मैन पावर की समस्या का समाधान भी हो सकेगा जिसके बाद सेल बोर्ड ने प्रस्ताव पर विचार विमर्श करते हुए इस पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। उल्लेखनीय है कि सेल आरएमडी का कोलकाता मुख्यालय किराए के भवन पर चल रहा है जहां कर्मचारी और किराया भाड़ा को लेकर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे है। आरएमडी के अधीन मेघाता बुरू, किरीबुरू, गुवा, मनोहरपुर, भवनाथपुर तथा कोटेश्वर माइंस का संचालन होता है जो अब बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी के जिम्मे होगा।
आरएमडीके वरसोवा, टेलडीही तथा कल्टा माइंस का संचालन राउरकेला इस्पात प्रबंधन के जिम्मे होगा।आरएमडी कोलकाता मुख्यालय में कार्यरत 29 कर्मचारी व 69 अधिकारी का तबादला सेल के अलग-अलग इस्पात संयंत्र में किया जाएग। राउरकेला व बीएसएल में ईडी माइंस के पद सृजित किए जाएंगे जो आरएमडी से स्थानांतरित होकर यहां अपनी सेवा देंगे।