Edited By Diksha kanojia, Updated: 23 Jul, 2022 12:39 PM
इस स्टेट टॉपर छात्रा को उनके सगे संबंधियों से लेकर दोस्तो के फोन सिर्फ बधाई देने के लिए आने लगे। जबकि रीत के पिता अमित अग्रवाल और मां संगीता अग्रवाल को बीएनएस डीएवी स्कूल से कॉल आया की उनकी बेटी को सम्मनित करने के लिए स्कूल बुलाया गया है।
गिरिडीहः झारखंड के गिरिडीह जिले के बीएनएस डीएवी कॉलेज की बारहवीं की छात्रा रीत कसेरा ने वाणिज्य कॉमर्स में 99 प्रतिशत अंक लाकर स्टेट टॉपर होने का गौरव हासिल की। शुक्रवार को जब सीबीएसई बारहवीं का परीक्षा परिणाम जारी हुआ। तो बीएनएस डीएवी से लेकर रीत कषेरा के घर तक खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
इस स्टेट टॉपर छात्रा को उनके सगे संबंधियों से लेकर दोस्तो के फोन सिर्फ बधाई देने के लिए आने लगे। जबकि रीत के पिता अमित अग्रवाल और मां संगीता अग्रवाल को बीएनएस डीएवी स्कूल से कॉल आया की उनकी बेटी को सम्मनित करने के लिए स्कूल बुलाया गया है। और स्कूल में रीत को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। तो प्रिंसिपल पी हाजरा और कई शिक्षकों ने मिठाई खिलाकर स्कूल के नाम राज्य स्तर गौरवान्वित करने वाली रीत कसेरा को बधाई भी दी। रीत की इस बड़े उपलब्धि ने उसके सगे संबंधियों से लेकर उसके स्कूल की दोस्तो को बीच लोकप्रिय बना दिया। लिहाजा, जब उसकी उपलब्धि पर जब पंजाब केसरी टीवी ने रीत से बात किया तो उसका कहना था की स्कूल के प्रिंसिपल के साथ शिक्षकों की मेहनत का पूरा योगदान रहा।
इतना ही उसके माता पिता भी उसकी उपलब्धि के लिए एक बड़े उदाहरण बने। क्योंकि महामारी के कारण ऑनलाइन क्लास से वो थोड़ा भयभीत जरूर हुई। लेकिन उसके माता पिता और प्रिंसिपल ने उसका उत्साह बढ़ाए रखा। रीत ने माना की सफलता के पीछे सारा होमवर्क एक स्टूडेंट के लिए मेहनत ही रहता है। बगैर मेहनत के कोई स्टूडेंट कुछ हासिल नहीं कर सकता। और अब वो चार्टेड अकाउंट बनना चाहती है। इधर रीत की सफलता पर प्रिंसिपल डा पी हाजरा ने का मानना था की रीत का हर विषय में पढ़ाई बेहतर रहा। क्योंकि इंग्लिश कोर में उसका मार्क्स 97 है तो हिंदी म्यूजिक वोकल में 100 मार्क्स लाई है। जबकि अकाउंटसी में ही रीत ने 99 मार्क्स लाई और इकोनॉमिक्स में ही रीत का ओवरआल 99 मार्क्स आए है।
इस दौरान डीएवी के इस स्टेट टॉपर छात्रा रीत की मां संगीता अग्रवाल के बेटी की इस सफलता पर आसू छलक पड़े। तो बेटी की सफलता पर उनकी मां संगीता ने कहा की अब बेटी अपने मुकाम हासिल करने के लिए जिस क्षेत्र को चुनेगी, उसके लिए उनकी और से पूरी आजादी है और बेटी को हर तरह का सहयोग भी किया जाएगा। क्योंकि उनकी बेटी ने सिर्फ स्कूल का ही उनके परिवार का नाम भी रोशन की है।