Edited By Diksha kanojia, Updated: 31 May, 2022 07:07 PM
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को घोषित किया गया। राज्य के रामगढ़ जिले की निवासी दिव्या पांडे ने कहा, ‘‘एक स्मार्टफोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा पास करने में मदद की। इंटरनेट ज्ञान और सूचनाओं का महासागर है।''''...
रामगढ़ः प्रतिभाएं परिस्थितियों की मोहताज नहीं होतीं, झारखंड के सेवानिवृत्त क्रेन ऑपरेटर की बेटी ने इस कहावत को चरितार्थ करते हुए बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा पास करके नारी शक्ति का परचम लहराया है। एक साल, इंटरनेटयुक्त एक स्मार्टफोन और प्रतिदिन 18 घंटे की पढ़ाई, इन चीजों के बूते झारखंड की 24 वर्षीय बेटी दिव्या पांडे ने 323वां स्थान हासिल किया।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को घोषित किया गया। राज्य के रामगढ़ जिले की निवासी दिव्या पांडे ने कहा, ‘‘एक स्मार्टफोन और इंटरनेट की उपलब्धता ने उन्हें सिविल सेवा परीक्षा पास करने में मदद की। इंटरनेट ज्ञान और सूचनाओं का महासागर है।'' वर्ष 2017 में रांची विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली दिव्या ने कहा, ‘‘मैंने रोजाना करीब 18 घंटे पढ़ाई की और नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च (एनसीईआरटी) की ढेर सारी किताबें पढ़ीं।'' दिव्या ने यह भी कहा कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान किसी पेशेवर कोचिंग के लिए नामांकन नहीं कराया था।
वर्ष 2016 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के क्रेन ऑपरेटर के रूप में सेवानिवृत्त हुए दिव्या के पिता जगदीश प्रसाद पांडे बहुत खुश हैं। दिव्या के पिता ने कहा, ‘‘मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितना गर्व है। मेरी बेटी इस सफलता की हकदार है। उसकी मेहनत रंग लाई है।'' दिव्या ने कहा कि उनकी बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने भी झारखंड लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास की है। दिव्या गरीबों और दलितों के लिए काम करने की इच्छुक हैं।