Edited By Diksha kanojia, Updated: 27 Feb, 2022 10:25 AM
प्रार्थी कैलाश कुमार सहित नौ अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन और तान्या सिंह ने उच्च न्यायालय में यह याचिका दाखिल की है। याचिका में झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं प्राशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के संशोधित परिणाम को निरस्त करने का...
रांचीः झारखंड में सातवीं जेपीएससी के संशोधित परिणाम जारी होने के बाद चयनित उम्मीदवारों की सूची से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के संशोधित परिणाम को निरस्त करने का अनुरोध किया है।
प्रार्थी कैलाश कुमार सहित नौ अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन और तान्या सिंह ने उच्च न्यायालय में यह याचिका दाखिल की है। याचिका में झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं प्राशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) के संशोधित परिणाम को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। अधिवक्ता चंचल जैन ने बताया कि जेपीएससी का पीटी परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करना गलत है क्योंकि ऐसा करने से चयनित अभ्यर्थियों की पहली सूची में शामिल 406 अभ्यर्थी सूची से बाहर हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि पहली सूची के लिए सामान्य वर्ग का कट ऑफ 260 अंक था जिसे घटा कर 248 कर दिया गया है, इस कारण 768 के स्थान पर अब 1,552 अभ्यर्थियों का चयन हो गया है जो झारखंड संयुक्त लोक सेवा परीक्षा नियमावली-2021 की कंडिका 17 (2) के विरुद्ध है। इसके अनुसार सामान्य वर्ग के लिए रिक्त पदों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों के चयन का प्रवधान नहीं है।