Edited By Diksha kanojia, Updated: 21 Jul, 2021 05:44 PM
वहीं आईसीएमआर के महनिदेशक बलराम भार्गव का भी कहना है कि बच्चे करोना के खिलाफ वयस्कों के मुकाबले बेहतर ढंग से लड़ने में सक्षम है। एम्स निदेशक और आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा है कि स्कूलों को खोलने के पहले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों बस चालक तथा सहचालक...
रांचीः झारखंड में प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि करीब 16 महीने से बंद स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करने का अब सही वक्त आ गया है। दुबे ने बुधवार को कहा कि इस मसले पर राज्य सरकार को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए आवश्यक निर्णय यथाशीघ्र लेना चाहिए। उन्होंने कहा पासवा का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल कल 22 जुलाई को संभवत राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर स्कूल खोलने पर विचार के लिए निवेदन करेगी।
दुबे ने कहा देश के प्रधानमंत्री ने भले ही शैक्षणिक विफलता को लेकर शिक्षा मंत्री से इस्तीफा ले लिया हो लेकिन सच यह है कि केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के कारण आज शिक्षा जगत पूरी तरह से खतरनाक दौर से गुजर रहा है। देश में सभी चीजें खुल गई हैं, केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार धार्मिक स्थल, बाजार, मॉल, पार्क, सिनेमा हॉल सब कुछ खुल गए हैं सिर्फ स्कूल और कॉलेज बंद है। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स दिल्ली के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का भी यह मानना है कि बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी होती है और अब स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाना चाहिए।
वहीं आईसीएमआर के महनिदेशक बलराम भार्गव का भी कहना है कि बच्चे करोना के खिलाफ वयस्कों के मुकाबले बेहतर ढंग से लड़ने में सक्षम है। एम्स निदेशक और आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा है कि स्कूलों को खोलने के पहले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों बस चालक तथा सहचालक का वैक्सीनेशन होना जरूरी है इस दिशा में भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है इसलिए स्कूल खोलने के पहले राज सरकार को एक गाइडलाइन जारी करना चाहिए ताकि बच्चों को भी कोई परेशानी ना हो और स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों की समस्याओं का भी निदान हो सके। इस क्रम में स्कूलों को रोटेशन के आधार पर बच्चों को स्कूल बुलाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से करना चाहिए। यह भी उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में देश में छह वर्ष से अधिक उम्र वाले बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसलिए अभी से स्कूल खोलने के मसले पर समुचित निर्णय लेने के साथ ही आने वाले समय में बच्चों के लिए वैक्सिन की कोई कमी ना हो इस दिशा में भी केंद्र सरकार को अभी से कदम उठाना चाहिए।
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष दुबे ने कहा कि राज्य में पिछले डेढ़ वर्षो से स्कूल बंद रहने के कारण प्राइवेट स्कूल संचालकों के समक्ष गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में निजी स्कूलों में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को कैसे सहायता पहुंचाई जाए, इस दिशा में भी सरकार को विचार करना चाहिए। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्कूलों को खोलने को लेकर सीबीएसई बोर्ड की संस्था सहोदया के अध्यक्ष और सचिव, डीएवी समूह के निदेशक तथा आईसीएसई बोर्ड के तहत संचालित होने होने वाले कुछ निजी स्कूलों के प्रिंसिपल से उनकी बात हुई है। उनसभी का कहना है कि वे सभी सरकार के निर्णय के साथ खड़े है, पर स्कूल खोलने पर अब विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जब सभी कार्य हो रहे हैं, मार्केट खुल गए, धार्मिक संस्थान खुल रहे है, शादी-विवाह और अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, तो स्कूलों को खोलने पर भी विचार होना चाहिए, खासकर आठवीं कक्षा से ऊपर बरहवीं की कक्षाओं को संचालित करने के मसले पर शीघ्र निर्णय की आवश्यकता है, क्योंकि यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा विषय है।