Edited By Diksha kanojia, Updated: 18 Oct, 2021 01:10 PM
वही अंतर जिला चलने वाली ज्यादा बसें नहीं चल रही है जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार कर दुगुना पैसा देकर बस में जगह मिल पा रही है क्योकि अधिकांश बस चालको ने परिचालन बंद कर दिया है। वहीं इस बंदी को...
रांचीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई किसानों की हत्या मामले मे चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक दलों के बाद नक्सली संगठनों ने भी इंट्री मारी है। नक्सली संगठन ने इस घटना के विरोध में आज बंद का आह्यवान किया है। इस बंद का असर झारखंड में विशेष रूप में देखा जा रहा है। इस बंद का असर रांची के बस स्टैंड में देखने को मिल रहा है जहां लंबी दूरी की गाड़ियां पूरी तरह बंद है।
वही अंतर जिला चलने वाली ज्यादा बसें नहीं चल रही है जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को घंटों इंतजार कर दुगुना पैसा देकर बस में जगह मिल पा रही है क्योकि अधिकांश बस चालको ने परिचालन बंद कर दिया है। वहीं इस बंदी को लेकर सुरक्षाबल अलर्ट हैं और नक्सलप्रभावित इलाके में विशेष निगरानी के साथ ही सर्च ऑपरेशन चला रही है ताकि नक्सली किसी तरह की हिंसक घटना के अंजाम न दे सके। नक्सलियों द्वारा बुलाये गए बन्द का असर एनएच 33 रांची टाटा मार्ग पर दिखाई दिया। साथ ही बुंडू तमाड़ में एनएच 33 के किनारे स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकाने पूरी तरह बंद कर दी गयी हैं।
बुंडू तमाड़ और आसपास की दुकानें सुबह खुली थीं लेकिन जैसे ही स्थानीय अखबार के प्रथम पन्ने पर नक्सली बन्दी और बसों के परिचालन पर बंदिश की खबर दिखाई दी हाइवे के आसपास की सभी दूकानों ने अपने अपने शटर गिरा दिए। स्थानीय पुलिस और पेट्रोलिंग वाहन भी सड़क पर गश्ती लगाते देखे गए। रविवार होने के बावजूद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। इक्के दुक्के दुपहिया वाहनों और निजी वाहनों में कुछ लोग आते जाते दिखाई पड़े। नक्सलियों द्वारा चार राज्यों में बुलाए गए बंदी का मिला जुला असर एनएच 33 पर साफ दिखने लगा है। बड़े और भारी वाहनों के ड्राइवर-कण्डक्टर भी सुरक्षित स्थानों पर गाड़ी खड़ी कर आराम फरमाते नजर आए। विनय वार्ता नननन