Edited By Diksha kanojia, Updated: 18 Feb, 2021 11:27 AM
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत करीब 42 हजार ‘सहिया'' बहनों ने कोरोना काल में मानवता के प्रति नई मिशाल पेश की है। कोरोना काल में जब सबकुछ थम गया था। घरों में कैद लोगों ने संक्रमण के डर से अपनों से मिलने से कतराते थे। ऐसे वक्त में राज्यभर की 42 हजार...
रांचीः झारखंड में राज्य सरकार के सहयोग से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत करीब 42 हजार ‘सहिया' बहनों ने कोरोना काल में मानवता के प्रति नई मिशाल पेश की है। कोरोना काल में जब सबकुछ थम गया था। घरों में कैद लोगों ने संक्रमण के डर से अपनों से मिलने से कतराते थे। ऐसे वक्त में राज्यभर की 42 हजार आशा दीदी जिन्हें ‘सहिया' के रूप में जाना जाता है, राज्य सरकार के सहयोग से अपने दायित्व के निर्वहन में जुटी थीं।
इन सहियाओं में एक नाम है रीना देवी। बोकारो स्थित तेलो गांव निवासी सहिया दीदी रीना देवी जिन्होंने, मानवता और अपने दायित्वों के प्रति मिशाल पेश की। सहिया बहन रीना देवी को जब पता चला कि अन्य राज्य से लौटे गांव के एक दम्पत्ति कोरोना संक्रमित हैं। संक्रमण के डर से पूरे गांव में भय व्याप्त था।
ऐसे में रीना ने साहसिक कदम उठाते हुए मेडिकल टीम की सहायता की और संक्रमित दम्पत्ति को बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया। आज वे दम्पत्ति स्वस्थ हैं और रीना द्वारा किए गए कार्य पर पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। रीना कईयों के लिए आज भी प्रेरणास्रोत है।