Edited By Diksha kanojia, Updated: 05 Aug, 2021 11:25 AM
धनबाद के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मैथन विद्युत संयन्त्र में प्रवेश के लिए डिजिटल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लगाये जाने के खिलाफ सोमवार से मजदूरों का एक गुट आंदोलनरत था। मजदूरों ने धरना प्रदर्शन के साथ आने जाने के मार्ग को भी...
धनबादः टाटा पावर एवं दामोदर घाटी निगम के संयुक्त उपक्रम ‘मैथन विद्युत संयन्त्र' में प्रवेश के लिए ‘डिजिटल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम' लगाए जाने के विरोध में मजदूरों के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही मार्ग अवरुद्ध कर देने के खिलाफ सुरक्षा बलों के बल प्रयोग के बावजूद स्थिति सामान्य न होती देखकर प्रशासन ने उसके आसपास के क्षेत्र में धारा 144 लगा दिया है। सभी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
धनबाद के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मैथन विद्युत संयन्त्र में प्रवेश के लिए डिजिटल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लगाये जाने के खिलाफ सोमवार से मजदूरों का एक गुट आंदोलनरत था। मजदूरों ने धरना प्रदर्शन के साथ आने जाने के मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया जिससे विद्युत संयन्त्र से अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आना-जाना कठिन हो गया था। संयन्त्र का आने-जाने का मार्ग खुलवाने गये पुलिस अधिकारियों एवं स्थानीय मजिस्ट्रेट पर के साथ भी श्रमिकों ने मारपीट की जिसके बाद मुख्यालय से अधिक बल लेकर वह स्वयं मौके पर पहुंचे और वहां से बल प्रयोग कर आंदोलनरत श्रमिकों को खदेड़ दिया।
कुमार ने बताया कि अब पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गयी है जिसके चलते अगले दो माह तक यहां किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि विद्युत संयन्त्र के 90 प्रतिशत कर्मियों ने संयन्त्र में प्रवेश की नयी डिजिटल व्यवस्था को स्वीकार कर लिया था लेकिन लगभग दस प्रतिशत कर्मी इसका विरोध कर रहे थे और मांग कर रहे थे कि सभी श्रमिकों का वेतन बढ़ाया जाये तभी वह इस व्यवस्था को स्वीकार करेंगे।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र से धरना-प्रदर्शन समाप्त कराया जाना आवश्यक था क्योंकि यहां से 1050 मेगावाट बिजली का प्रतिदिन उत्पादन होता है और संयन्त्र बंद होने की स्थिति में क्षेत्र में बिजली का संकट उत्पन्न हो सकता था। यह विद्युत संयन्त्र 74 प्रतिशत टाटा पावर और 26 प्रतिशत दामोदर घाटी निगम के अधिकार क्षेत्र में है।