आदिवासी से कम संख्या वालों का अलग धर्म कोड, आदिवासियों को भी मिले अलग धर्म कोड: हेमन्त सोरेन

Edited By Diksha kanojia, Updated: 09 Jun, 2022 12:28 PM

separate religion code for those with less number of tribals hemant soren

सोरेन ने गुमला में आयोजित पेंशन वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि पूर्व में सीमित संख्या में लाभुकों को पेंशन देने की बाध्यता को राज्य सरकार द्वारा समाप्त करने का प्रतिफल है कि अबतक पेंशन से वंचित राज्य के सुपात्र लाभुक सरकार...

 

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब राज्य के सभी योग्य लाभुकों को सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।

सोरेन ने गुमला में आयोजित पेंशन वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि पूर्व में सीमित संख्या में लाभुकों को पेंशन देने की बाध्यता को राज्य सरकार द्वारा समाप्त करने का प्रतिफल है कि अबतक पेंशन से वंचित राज्य के सुपात्र लाभुक सरकार द्वारा लागु की गई सर्वजन पेंशन पेंशन योजना से आच्छादित हो रहें हैं। सभी छुटे हुए वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिला, दिव्यांग्जन, आदिम जनजाति एवं एचआइवी एड्स पीड़ति को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। इस परिपेक्ष्य में वर्तमान सरकार द्वारा 7,79,142 से अधिक लाभुकों को योजना का लाभ मिला है। इन्हें हर माह एक हजार सम्मान राशि के रूप के दी जा रही है। सोरेन ने कहा कि झारखण्ड में 2020 से पूर्व तक पेंशन और राशन देने की बात राज्य के वंचित लोग कहते थे।

वर्तमान सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य के वृद्ध, नि:शक्त, निराश्रित महिला का पेंशन यूनिवर्सल कर दें। लेकिन केंद्र सरकार लंबे इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लिया और सभी को पेंशन देने का कानून बनाया गया। देश का यह पहला राज्य है, जिसने ऐसा किया। जो 60 वर्ष से अधिक उम्र का होगा उसे पेंशन प्राप्त होगा। जो पदाधिकारी सहयोग नहीं करेंगे। उनकी नौकरी जायेगी। सरकार ने विधवा पेंशन के तय 40 वर्ष की आयु एवं दिव्यांग के लिए निर्धारित 18 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया। ताकि सभी को पेंशन को लाभ मिल सके। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि हर माह की पांच तारीख तक पेंशन मिल जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर जिम्मेवार दंडित होंगे।

झारखण्ड में सभी जरूरतमंद को पेंशन मिलेगा। कोई इससे अछूता नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विषय एक ऐसा विषय है जो झारखंड ने लिए महत्वपूर्ण है। यहां गरीब, किसान और मजदूर की बड़ी तादाद है। यहां के लोग अपना जीवन कठिनाइयों में बिताते हैं। 2019 से पूर्व हमने राज्य के कोने-कोने में जाकर राज्यवासियों का हाल और तकलीफों को जाना था। उसी परिपेक्ष्य में राज्य सरकार आज कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी से कम संख्या वालों का अलग धर्म कोड है इसलि आदिवासियों को भी अलग धर्म कोड मिले।

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