Edited By Nitika, Updated: 02 Mar, 2021 12:01 PM
भाजपा ने 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आने वाले झारखंड के बजट को लेकर कहा कि प्रदेशवासियों के सुझाव लिए बिना बजट लाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
रांचीः भाजपा ने 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आने वाले झारखंड के बजट को लेकर कहा कि प्रदेशवासियों के सुझाव लिए बिना बजट लाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमित कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य की वर्तमान हेमंत सरकार ने जनता के लिए बनने वाले बजट को लेकर राज्य के किसी भी जनता से सुझाव तक नहीं मांगा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार को राज्यवासियों से उनकी जन-आकांक्षाओं के बारे में जानकारी लेनी चाहिए थी। बजट से पूर्व समाज के विभिन्न वर्गों से भी सुझाव मांगना चाहिए था एवं राज्य के व्यवसायियों, उनके व्यावसायिक संगठनों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, अर्थशास्त्रियों, किसानों, महिलाओं, गरीबों-शोषितों-वंचितों से भी बजट से पूर्व सुझाव लेनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने बजट से पूर्व राज्य वासियों से किसी प्रकार का सुझाव तक नहीं लिया, जिससे राज्य वासियों में काफी नाराजगी है।
वहीं अमित कुमार ने कहा कि इसके पूर्व में राज्य की रघुवर सरकार ने बजट पेश करने से पहले राज्य वासियों से सुझाव मांगे थे। भाजपा की अगुवाई वाली रघुवर सरकार ने झारखंड चेंबर एसोसिएशन से लेकर विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक संगठनों से राज्य के लिए बनने वाले बजट के लिए सुझाव मांगे थे। पूर्ववर्ती सरकार में बुद्धिजीवियों, अर्थशास्त्रियों, समाजसेवियों, किसानों, महिलाओं एवं गरीबों-दलितों तथा वंचितों से भी सुझाव लेकर बजट बनाया गया था। राज्य वासियों ने सैकड़ों सुझाव दिए गए थे, जिनमें कई सुझावों को रघुवर सरकार ने राज्य के बजट में भी शामिल किया था।
भाजपा नेता ने कहा कि रघुवर सरकार की उस बजट से झारखंड की समृद्धि को चार-चांद थे और रघुवर सरकार के बजट को राज्य वासियों ने जमकर सराहा था। वह बजट राज्य के सर्वांगीण विकास का बजट था। जब से राज्य में हेमंत सरकार आई है तब से राज्य की स्थिति बद से बदतर हो गई है। इस सरकार में न तो विकास करने की इच्छा शक्ति है और ना ही इसके प्रति किसी प्रकार की प्रतिबद्धता जिसके कारण राज्यवासियों में घोर निराशा है। राज्य में बढ़ रहे भय-भूख और भ्रष्टाचार के वातावरण में वर्तमान हेमंत सरकार को राज्य वासियों के लिए आने वाले बजट के लिए सुझाव मांगना चाहिए थी।