हेमंत सरकार, केंद्र सरकार पर दोषारोपण छोड़ ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य में लाए तेजी: दीपक प्रकाश

Edited By Nitika, Updated: 01 Apr, 2022 10:53 AM

statement of deepak prakash

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झारखंड में सड़क परियोजनाओं को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा सदन में वस्तुस्थिति से सम्बंधित सवाल उठाया।

 

रांचीः प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झारखंड में सड़क परियोजनाओं को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा सदन में वस्तुस्थिति से सम्बंधित सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चरण 1 चरण-2 और चरण-3 में झारखंड में संस्वीकृत और निर्मित सड़कों की कुल लंबाई कितना है, कितने प्रस्ताव लंबित है और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं?

इसका उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण एक दो और तीन के तहत कुल 7513 सड़क निर्माण कि स्वीकृत दी गई है, जिनमें 7216 सड़क ही निर्माण हो सका है, जिसके तहत 28180 किलोमीटर सडक का निर्माण करवाया जाना है जबकि 26194 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ है। वहीं 505 पुल निर्माण किया जाना था, जिसमें मात्र 439 पुल का निर्माण ही हो सका है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य को पीएमजीएसवाई 1 और 2 के अंतर्गत सभी लक्ष्य स्वीकृत किया जा चुका है। पीएमजीएसवाई 1 और 2 को पूरा करने के लिए समय सीमा सितंबर, 2022 है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत, झारखंड राज्य को 4.125 किमी. सड़क लंबाई आवंटित की गई है, जिसमें से 979 किमी. लबाई राज्य को स्वीकृत कर दी गई है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत झारखंड राज्य का कोई प्रस्ताव के मंत्रालय में इस समय स्वीकृति के लिए लंबित नहीं है।

पीएमजीएसवाई 3 के तहत स्वीकृत कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा मार्च, 2025 है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई दिशा-निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत निर्मित सड़कों का रख-रखाव राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और मानक बोली दस्तावेज के अनुसार सभी सड़क कार्यों का शुरुआती पंचवर्षीय रख-रखाव भी उसी ठेकेदार के साथ की जाने वाली निर्माण की संविदा में शामिल होता है। अनुबंध को पूरा करने के लिए रख-रखाव निधि का बजटीय प्रावधान राज्य सरकारों द्वारा किया जाना अपेक्षित होता है और एक अलग रख-रखाव खाते में राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसियों पीएमजीएसवाई सड़कों को समय-समय पर रख-रखाव चक्र के अनुसार नवीनीकरण सहित 5 साल के रखरखाव के क्षेत्रीय रख-रखाव ठेकों के तहत रखा जाना होता है जिसे राज्य सरकारों द्वारा भी वित्तपोषित किया जाता है।

राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे आवश्यक बजट प्रावधान करें और ऐसे क्षेत्रीय रखरखाव संविदाओं के लिए एसआरआरडीए में निधियां रखें। (एसआरआरडीए) के पास रखा जाता है। 5 साल के निर्माण रखरखाव ठेके की समाप्ति के बाद दोष सुधार दायित्व की अवधि (सड़क का निर्माण कार्य संपन्न होने की तारीख से 5 वर्ष) के दौरान सड़कों के रख-रखाव पर अधिक ध्यान देने तथा निष्पादन आधारित रख-रखाव ठेके के आधार पर पीएमजीएसवाई सड़कों के नियमित रख-रखाव की प्रदायगी को सरल एवं कारगर बनाने के उपाय के रूप में पीएमजीएसवाई सड़कों की इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव प्रणाली (ई-मार्ग) को सभी राज्यों में कार्यान्वित किया गया है, जो कि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एंड टू एंड समाधान है जिससे पीएमजीएसवाई सड़कों के रख-रखाव में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई है।

प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार काम करना छोड़ दोषारोपण करने में ज्यादा आगे है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में काम करने कि छमता नहीं है नेतृत्वविहीन सरकार है। इस सरकार से प्रदेश का भला नहीं होना है। उन्होंने कहा कि मार्च समाप्त होने को है महज 6 महीने में दो फेज का निर्माण कार्य पूरा करना है।
 

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