Edited By Diksha kanojia, Updated: 18 Jan, 2021 01:32 PM
झारखंड के कोडरमा जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगवाने के संबंध में जारी एक आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद रविवार को आदेश वापस ले लिया गया है।
कोडरमाः झारखंड के कोडरमा जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगवाने के संबंध में जारी एक आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद रविवार को आदेश वापस ले लिया गया है। आदेश में सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने टीका नहीं लगवाया तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
झारखंड के कोडरमा जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पार्वती कुमारी नाग और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ डा. अभय भूषण प्रसाद की ओर से 16 जनवरी को आदेश जारी हुआ। इसमें चेतावनी देते हुए लिखा था, ‘‘कार्यालय आदेश ज्ञापांक 90, कोडरमा दिनांक 15-01-2021 के निर्देशानुसार जो सरकारी सेवक कोविड-19 का टीका नहीं लगाये हैं, वे शीघ्र कोविड-19 टीका लगाएं। कोविड-19 का टीकाकरण नहीं लेने की स्थिति में अगले आदेश तक संबन्धित सरकारी सेवकों का वेतन अवरुद्ध रहेगा। लिए गए टीकाकरण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात ही वेतन भुगतान किया जायेगा।''
इस सरकारी आदेश के जारी होते ही इसका विरोध प्रारंभ हो गया और जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो इसे वापस ले लिया गया। इस संबन्ध में कोडरमा स्वास्थ्य विभाग के अनेक कर्मियों ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें यह आदेश प्राप्त हुआ है जिससे कर्मियों में भारी रोष है। झारखंड के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि इस तरह का आदेश निकाला गया था लेकिन इसे वापस ले लिया गया है। यह पूछे जाने पर कि इस संबन्ध में विभाग ने संबद्ध लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है, स्वास्थ्य सचिव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि टीकाकरण के पहले दिन कोडरमा जिले के दोनों केन्द्रों पर सौ-सौ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था लेकिन जब लोग कम संख्या में पहुंचे तो दबाव डालने के लिए यह आदेश जारी किया गया लेकिन इस आदेश के बाद भी 200 के स्थान पर सिर्फ 139 लोगों ने ही टीकाकरण करवाया।