Edited By Nitika, Updated: 30 Oct, 2020 02:59 PM
बिहार में दूसरे चरण में 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में राजनीतिक भविष्य तलाशने निकलने नए प्रत्याशी और अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके धुरंधरों की वजह से सीवान जिले के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
पटनाः बिहार में दूसरे चरण में 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में राजनीतिक भविष्य तलाशने निकलने नए प्रत्याशी और अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके धुरंधरों की वजह से सीवान जिले के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जन्मभूमि और कुष्ठ रोग के उन्नमूलन के लिए शुरू हुए राजेन्द्र सेवाश्रम के लिए प्रसिद्ध जीरादेई विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने निवर्तमान विधायक रमेश कुशवाहा की जगह कमला सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं, भाकपा-माले ने कई अपराधिक मामलों के आरोप में जेल में बंद अमरजीत कुशवाहा पर फिर से दाव लगाया है। पूर्व विधायक आशा पाठक की बहू उगम पाठक निर्दलीय, लोजपा के नवोदित विनोद तिवारी और बसपा के राहुल द्रविड़ मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हैं। इस सीट पर 12 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं।
पिछले चुनाव में जदयू के कुशवाहा ने भाजपा की आशा देवी को 6091 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। बाहुबली नेता मो. शहाबुद्दीन यहां से 2 बार विधायक रह चुके हैं। सीवान विधानसभा क्षेत्र से चुनावी पिच पर जीत की हैट्रिक लगा चुके भाजपा के व्यासदेव प्रसाद की जगह पार्टी ने इस बार पूर्व सासंद ओम प्रकाश यादव को उम्मीदवार बनाया है। टिकट कटने से नाराज प्रसाद ने अपनी ही पार्टी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया और निर्दलीय चुनावी संग्राम में उतर आए, हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा का समर्थन कर दिया है। इस सीट से भाजपा के यादव को चुनौती देने के लिये राजद ने पूर्व मंत्री अवध बिहारी चौधरी पर दाव लगाया है। रालोसपा के अब्दुल रिजवान अंसारी भी चुनावी रणभूमि में डटे हैं।
सीवान सीट से 14 प्रत्याशी प्रत्याशी चुनावी दंगल में भाग्य आजमा रहे हैं। इस क्षेत्र में सीवान शहर शामिल है, इसलिए चुनाव में व्यवसायी अहम भूमिका निभाएंगे। भाजपा के प्रसाद ने वर्ष 2015 में जदयू के बबलू प्रसाद को 3534 मतों के अंतर से परास्त किया था। उस चुनाव में चौधरी ने निर्दलीय किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। सीवान विधानसभा सीट पर पिछले कई दशकों तक अवध बिहारी चौधरी का दबदबा रहा है। वर्ष 1985 के बाद से फरवरी 2005 तक लगातार 5 विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की है। पूर्व सासंद जनार्दन तिवारी ने 4 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।