हावड़ा की 9 सीटों पर दीदी को चुनौती देने में लगे हैं शाह, बांग्ला भाषी वोटर ही तय करेंगे चुनावी नतीजे

Edited By Ramanjot, Updated: 10 Apr, 2021 10:32 AM

amita shah is fighting to challenge mamta didi on 9 seats in howrah

हावड़ा में मुस्लिम आबादी 26.2 फीसदी है। वहीं हिंदू आबादी 72.9 फीसदी है। हावड़ा जिले में अनुसूचित जाति के वोटरों की आबादी 14.8 फीसदी है। हालांकि बीजेपी के लिए एक बड़ी मुश्किल ये है कि बांग्ला भाषी और हिंदी भाषी समूह का वोटिंग पैटर्न अलग है। इस लिहाज...

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में हावड़ा जिले की 9 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। 10 अप्रैल को बाली,हावड़ा उत्तर,हावड़ा मध्य, शिबपुर, हावड़ा दक्षिण, शंकरैल, पांचला सीट पर वोटिंग हो रही है। इसके अलावा उल्बेरिया पूर्बो और डोमजुर सीट पर भी मतदान को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है। इस चरण में बीजेपी के दिग्गज नेता राजीब बनर्जी और बैशाली डालमिया की सियासी साख की अग्निपरीक्षा भी हो रही है। दोनों दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव से ऐन पहले तृणमूल छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं हावड़ा मध्य सीट से मंत्री अरूप राय की साख भी दांव पर लगी है। शिबपुर सीट से क्रिकेटर मनोज तिवारी तृणमूल की टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं बाली सीट से एसएफआई की अखिल भारतीय संयुक्त सचिव दिपशिता धर संयुक्त मोर्चा की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं। आइए हावड़ा की इन 9 सीटों के सियासी समीकरण पर डालते हैं एक नज़र।
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हावड़ा में मुस्लिम आबादी 26.2 फीसदी है। वहीं हिंदू आबादी 72.9 फीसदी है। हावड़ा जिले में अनुसूचित जाति के वोटरों की आबादी 14.8 फीसदी है। हालांकि बीजेपी के लिए एक बड़ी मुश्किल ये है कि बांग्ला भाषी और हिंदी भाषी समूह का वोटिंग पैटर्न अलग है। इस लिहाज से तृणमूल कांग्रेस को बीजेपी पर थोड़ी बढ़त मिल सकती है। हालांकि पूर्व वन मंत्री राजीब बनर्जी को टीएमसी से बीजेपी में शामिल करवा कर अमित शाह बांग्ला भाषी समूहों को रिझाने में लगे हैं। हावड़ा में अमित शाह के रोड शो में राजीब बनर्जी भी मौजूद रहे। बीजेपी ने राजीब बनर्जी को आगे कर हावड़ा जिले के बांग्ला भाषी भद्र लोक को अपने पाले में करने का दांव चला है। बीजेपी अगर बांग्ला भाषी भद्र लोक को अपने पाले में कर ले तो वह हावड़ा में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।
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2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि हावड़ा जिले में बीजेपी ने अपनी स्थिति पहले से बेहतर की है। हालांकि इसके बावजूद हावड़ा और उल्बेरिया सीट पर भगवा पार्टी को तृणमूल ने बुरी तरह से पछाड़ दिया था। हावड़ा जिले में आने वाली उल्बेरिया लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के सजदा अहमद को 2019 के चुनाव में 6 लाख 94 हजार 945 वोट मिले थे। इस लिहाज से देखा जाए तो सजदा अहमद को 53 फीसदी लोगों के वोट मिले। वहीं बीजेपी के जॉय बनर्जी को उल्बेरिया सीट पर 4लाख 79 हजार 586 वोट मिले थे। जॉय बनर्जी को कुल 36.58 फीसदी वोट मिल पाया था। हालांकि बीजेपी को उल्बेरिया में तृणमूल कांग्रेस को 16.42 फीसदी कम वोट मिला था। इसके बावजूद एक झटके में उल्बेरिया में बीजेपी के वोट शेयर में 13.25 फीसदी उछाल आया था। अब 2021 में इस इलाके में बीजेपी को वोट शेयर में इजाफे के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
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वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में हावड़ा सीट से टीएमसी के प्रसूण बनर्जी ने 5 लाख 76 हजार 711 वोट हासिल किया था। बनर्जी के खाते में कुल वोटों का 47.18 फीसदी हिस्सा आया था। वहीं हावड़ा में बीजेपी के कैंडिडेट रंतिदेव सेनगुप्ता को 4 लाख 73 हजार 16 वोट मिल पाया था। इस लिहाज से बीजेपी को 38.73 फीसदी मिल पाया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हावड़ा में भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन पार्टी के वोट शेयर में एक झटके में 25.42 फीसदी का उछाल आया था। बीजेपी को हावड़ा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अपने वोट शेयर में दस से 12 फीसदी का उछाल लाना होगा।
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साफ है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस के सामने भाजपा टिक नहीं पाई थी। अब 2021 के विधानसभा चुनाव में अपने वोट शेयर को बढ़ाने के लिए बीजेपी ने अंफान घोटाला,कोयला घोटाला, गौ तस्करी, कट मनी और तुष्टीकरण जैसे मुददों को उठाया है। वहीं टीएमसी बार बार इस इलाके में अपनी स्थिति को पहले से मजबूत करने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपना रही है। हालांकि दो मई को ही पता चल पाएगा कि आमने सामने के इस कड़े मुकाबले में हावड़ा की 9 सीटों पर कौन पार्टी बाजी मारेगी।

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