Edited By Nitika, Updated: 17 Jun, 2020 10:58 AM
भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हुई खूनी झड़प में बिहार के लाल कुन्दन कुमार ओझा शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर सुनते ही परिजनों में मातम का माहौल पसर गया। कुंदन अपनी 13 दिन पहले जन्मी बेटी को देखे बिना ही देश के लिए शहीद हो गए।
पटनाः भारत-चीन सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हुई खूनी झड़प में बिहार के लाल कुन्दन कुमार ओझा शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर सुनते ही परिजनों में मातम का माहौल पसर गया। कुंदन अपनी 13 दिन पहले जन्मी बेटी को देखे बिना ही देश के लिए शहीद हो गए।
कुंदन ओझा भोजपुर जिले के पहरपुर गांव के रहने वाले थे लेकिन फिलहाल उनका परिवार झारखंड के साहेबगंज में रह रहा है। वहीं जवान की 2 साल पहले साल 2018 में शादी हुई थी। शादी के बाद उनकी पहली बेटी 13 दिन पहले हुई थी। इस खबर के बाद वह काफी खुश थे और जल्द बेटी से मिलने आने वाले थे लेकिन वह बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए और देश के लिए शहीद हो गए।
बता दें कि कुंदन ने फरवरी में ही छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन की थी। वह घर के कमाने वाले एकलौते बेटे थे। उनके 2 छोटे और भाई हैं। कुंदन ने 18 साल की उम्र में ही 2011 में बिहार रेजीमेंट में नौकरी ज्वाइन की थी।