Edited By Swati Sharma, Updated: 23 Nov, 2024 10:36 AM
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने के उद्देश्य से राज्य के 50 स्थलों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निर्माण किया जाएगा। पांडेय ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुद्दढ़...
पटना: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने के उद्देश्य से राज्य के 50 स्थलों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निर्माण किया जाएगा। पांडेय ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुद्दढ़ करने के उद्देश्य से राज्य के 50 स्थलों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है, जिससे राज्य की जनता को त्वरित इलाज में और लाभ मिलेगा।
'नए भवन बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिन स्थलों पर निर्माण कार्य किए जाएंगे, उनमें औरंगाबाद का कुटुम्बा, बांका का बौंसी, अमरपुर, कटोरिया, भागलपुर का नाथनगर, पीरपैंती, सुल्तानगंज, भोजपुर का संदेश, जगदीशपुर, दरभंगा का मनीगाछी, गया का डुमरिया, गया (चाकन्द), जमुई का झाझा, जहानाबाद का सिकरिया, घोसी, कटिहार का अमदाबाद, कैमुर का रामगढ़, मधेपुरा का उदाकिशुनगंज, मुरहो, मधुबनी का मधेपुर, मुंगेर का सदर प्रखंड मुजफ्फरपुर का सकरा, नालन्दा के चंडी, अस्थावां, नवादा का कौआकोल, पटना का दानापुर समेत 50 स्थलों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग ने दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हाजीपुर में 15वें वित्त आयोग के हेल्थ ग्रांट से 30 शय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण के लिए भी प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी। राज्य में प्रखंड स्तर पर जहां भूमि उपलब्ध हैं, वहां भी नये भवन बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणालियां वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त करने में भी एक आवश्यक भूमिका निभाती हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने व उसका लाभ लेने में आसानी होती है।
'निम्न आय वाले क्षेत्रों के लोगों की सेवा करते हैं ये केंद्र'
पांडेय ने कहा कि ये केंद्र मुख्य रूप से निम्न आय वाले क्षेत्रों के लोगों की सेवा करते हैं। बीमा रहित या कम बीमा वाले लोगों की भी सेवा में भी सहायक होता है। इन केंद्रों पर सुरक्षित पेयजल और बुनियादी स्वच्छता की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। इन केंद्रों के माध्यम से स्थानिक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां पर क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़ों का संग्रह किया जाता है। स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी सुविधाएं होती हैं। यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था होती है।