LJP में मचे घमासान पर बोले चिराग- इस पूरे मामले में JDU का हाथ, डिवाइड करना उनकी फितरत

Edited By Nitika, Updated: 16 Jun, 2021 03:38 PM

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लोजपा नेता चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चाचा पशुपति पारस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पशुपति पारस ने चुनाव में भी साथ नहीं दिया। वहीं चिराग पासवान ने कहा कि संसद में पार्टी का नेता कौन होगा, ये राष्ट्रीय अध्यक्ष ही तय कर सकता है।

पटनाः लोजपा नेता चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चाचा पशुपति पारस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पशुपति पारस ने चुनाव में भी साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि संसद में पार्टी का नेता कौन होगा, ये राष्ट्रीय अध्यक्ष ही तय कर सकता है। वहीं लोजपा में मचे घमासान पर चिराग पासवान ने कहा कि इस पूरे मामले में जेडीयू का हाथ, डिवाइड करना उनकी फितरत है।

चिराग पासवान ने कहा कि मेरे पिता के अस्पताल में भर्ती होने पर कुछ लोग पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। मेरे पिता ने मेरे चाचा (पशुपति कुमार पारस) सहित पार्टी के नेताओं से इसके बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैंने चुनाव लड़ा। कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे। मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई। मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि दुख मुझे इस बात का है कि जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे जिस तरह से ये पूरा षड्यंत्र रचा गया। मैंने चुनाव के बाद अपने चाचा से संपर्क करने का, उनसे बात करने का निरंतर प्रयास किया। 

पहले भी हो रही थी पार्टी को तोड़ने की कोशिश
वहीं लोजपा नेता ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जदयू द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था। कुछ लोग आराम की राजनीति करना चाह रहे थे। मेरे पीठ पीछे मेरे खिलाफ साजिश रच रहे थे। पापा के बिना ये पहली होली बीती, होली के दिन चाचा मेरे घर तक नहीं आए। मैंने चाचा से हमेशा बात करने की कोशिश की, पार्टी और परिवार को एकजुट रखने की लगातार कोशिश की और आखिरी तक करता रहा। उन्होंने कहा कि पार्टी को तोड़ने की कोशिश पहले भी हो रही थी।
 

मुझे असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष पद से हटाया
चिराग ने कहा कि मैं नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक नहीं हुआ। उन्होंने पार्टी तोड़ने का प्रयास जारी रखा। मुझे असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष पद से हटाया गया। चाचा ने पार्टी संविधान का पालन नहीं किया। अगर चाचा बोलते तो उन्हें खुद खुशी-खुशी संसदीय दल का नेता बना देता। आगे चलकर हमे कानूनी लड़ाई भी लड़नी होगी। उन्होंने अंत में कहा कि मैं ही लोजपा का अध्यक्ष हूं। पार्टी के सांसद ये फैसला नही ले सकते और पार्टी ही मेरा परिवार है।
 

अपने लोगों ने ही नहीं निभाई बिहार चुनाव में भूमिका
लोजपा नेता ने कहा कि मेरे चाचा हैं, बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अपने लोगों ने ही बिहार चुनाव में अपनी भूमिका नहीं निभाई। कैसर और वीणा जी भी परिवार के साथ बच्चों के चुनाव में व्यस्त थे। पार्टी को समय नहीं दिया। मैं बीमार था, बिस्तर पर था तब षड्यंत्र किया गया। होली पर मेरे साथ कोई नहीं था। मैं बेहद अकेला महसूस कर रहा था। मैंने उन्हें लिखा था कि आइए तो सही बात तो कीजिए। पार्टी के संविधान के हिसाब से जिस तरीके से पारस जी को अध्यक्ष चुना गया वो गलत है।

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