Edited By Khushi, Updated: 11 Dec, 2024 11:43 AM
झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक राज्य की स्पेशल ब्रांच ने ऐसी संवेदनशील जगहों की पहचान की है, जहां नक्सली या अपराधियों द्वारा...
रांची: झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक राज्य की स्पेशल ब्रांच ने ऐसी संवेदनशील जगहों की पहचान की है, जहां नक्सली या अपराधियों द्वारा हमला होने की आशंका है। इसके चलते मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के SP को किया सतर्क
दरअसल, एसबी ने राज्य के कई संवेदनशील इलाकों की पहचान की है। इन जगहों पर नेताओं के आने-जाने के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्पेशल ब्रांच ने एक रिपोर्ट तैयार कर सभी जिलों के एसपी को सतर्क किया है। एसबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्व में उग्रवादी/नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए नेताओं को निशाना बनाया जा सकता है। रिपोर्ट में सभी एसपी को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं। चिन्हित स्थानों पर गश्त बढ़ाने को कहा गया है। साथ ही उग्रवादियों/नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लांग रेंज और ओपन रोड पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं। ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। रिपोर्ट में सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों और मंत्रियों की आवाजाही के दौरान संवेदनशलील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई जाए। गश्ती दल की तैनाती, लांग रेंज पेट्रोलिंग और ओपेन रोड पेट्रोलिंग का प्रबंध सुनिश्चित किया जाए। उग्रवादियों और अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखकर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जाए।
इन जगहों पर नेताओं पर हमले का खतरा ज्यादा
जिन जगहों पर नेताओं पर हमले का खतरा ज्यादा है। उनमें रांची-बुंडू मार्ग में तैमारा घाटी, रांची-हजारीबाग और कोडरमा सड़क पर चुटूपालू, चरही, नेशनल पार्क व तिलैया घाटी शामिल हैं। हजारीबाग बगोदर गिरिडीह सड़क पर टाटीझरिया, विष्णुगढ़ एवं गिरिडीह घाटी भी संवेदनशील क्षेत्र माना जा रहा है। रांची-सिमडेगा और गुमला सड़क पर कोलेबिरा जंगल, खूंटी-चाईबासा सड़क पर बटगांव घाटी, रांची-लातेहार और पलामू सड़क पर अमझारिया घाटी और मनिका घाटी भी इस सूची में शामिल हैं। हजारीबाग सिमरिया और चतरा पथ पर सिमरिया और चतरा के जंगली क्षेत्र, डाल्टेनगंज-छतरपुर और हरिहरगंज सड़क पर जंगल एवं घाटी, डाल्टेनगंज-नेतरहाट पथ पर बेतला एवं महुआडांड़, गारू घाटी को भी खतरनाक माना जा रहा है। छतरपुर-हुसैनाबाद मार्ग पर पहाड़ी घाटी, रामगढ़-गोला और बोकारो मार्ग, गुवा-चाईबासा नोवाकुडी मार्ग, बोकारो बनासो मार्ग, गढ़वा-नगरऊंटारी का मार्ग, चतरा-पेलावल, कटकमसांडी व हजारीबाचा मार्ग पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। चौपारण-बरही और बरकट्ठा- बगोदर मार्ग, बगोगदर-सरिया और जमुआ मार्ग, चान्हो-खलारी और सिमरिया मार्ग, चतरा-बालूमाथ और चंदवा व कुड़ू-चान्हो सड़क, हजारीबाग-सिमरिया सड़क और हजारीबाग-बड़कागांव और खलारी मार्ग भी संवेदनशील हैं। वहीं, सरायकेला-खरसावां-कुचाई से टलभंगा मार्ग, सिनी-खरसावां मार्ग और कांड्रा-चौका मोड़ पर भी सुरक्षा बलों को सतर्क रहने को कहा गया है। इन सभी इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। विधानसभा सत्र के दौरान नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है।