गांव में नहीं थी सिंचाई की सुविधा, लौंगी भुईयां ने 30 साल कड़ी मेहनत कर खोद डाली 3 KM लंबी नहर

Edited By Ramanjot, Updated: 13 Sep, 2020 10:37 AM

laungi bhuiyan dug 3 km long canal after 30 years of hard work

“कोई काम नामुमकिन नहीं होता। मुश्किल होता है, ज्यादा मुश्किल भी होता है लेकिन नामुमकिन नहीं होता।” लगन हो तो हर मुश्किल काम में रास्ता निकल आता है। सफलता भी मिलती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया बिहार के गया जिले के निवासी लौंगी भुइयां ने।

गयाः “कोई काम नामुमकिन नहीं होता। मुश्किल होता है, ज्यादा मुश्किल भी होता है लेकिन नामुमकिन नहीं होता।” लगन हो तो हर मुश्किल काम में रास्ता निकल आता है। सफलता भी मिलती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया बिहार के गया जिले के निवासी लौंगी भुइयां ने। उन्होंने 30 साल से मेहनत कर पहाड़ से जमीन तक 3 किमी लंबी नहर खोद दी ताकि बारिश का पानी पहाड़ी से गांव के खेतों में पहुंच सके।
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अकेले ही किया नहर खोदने का काम
गया के लहटुआ इलाके के कोठीलवा गांव के रहने वाले 70 वर्षीय लौंगी भुइयां ने नहर खोदने का काम अकेले किया। भुईयां ने कहा, “गांव के एक तालाब तक पानी ले जाने वाली इस नहर को खोदने में मुझे 30 साल लग गए।” उन्होंने बताया, “पिछले 30 सालों से, मैं अपने मवेशियों को लेकर जंगल जाता और नहर खोदने का काम करता। कोई भी मेरे इस प्रयास में शामिल नहीं हुआ। गांव के लोगों को अजीविका कमाने के लिए शहर जाना पड़ रहा है, लेकिन मैंने यहीं रहने का फैसला किया।” 
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30 साल बाद रंग लाई मेहनत
दरअसल, लौंगी भुइयां सिंचाई के अभाव में सिर्फ मक्का और चना की खेती किया करते थे। रोजगार की तलाश में बेटा शहर चला गया। धीरे धीरे गांव की आधी से ज्यादा आबादी शहर चली गई। इसी बीच लौंगी भुईयां बकरी चराने जंगल गए तो उनको यह ख्याल आया कि अगर गांव तक पानी आ जाए तो लोगों का पलायन रुक जाएगा और लोग खेतों में फसल की पैदावार करने लगेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नहर खोदने का सोचा। इसके बाद उन्होंने नक्शा तैयार किया और दिन में जब भी समय मिलता वह नहर बनाने लगे। 30 साल बाद उनकी मेहनत रंग लाई और नहर पूरी तरह तैयार हो गई।
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गांव वालों ने की खूब प्रशंसा
वहीं गांव वालों ने लौंगी भुइयां के इस काम की खूब प्रशंसा की। ग्रामीण पट्टी मांझी ने कहा, “लौंगी भुईयां पिछले 30 सालों से अकेले नहर बनाने के काम में लगे हुए हैं। उनके इस प्रयास से न सिर्फ बड़ी संख्या में जानवरों को पानी मिलेगा बल्कि खेतों की सिंचाई भी हो सकेगी। ग्रामीण समोद कुमार ने कहा कि सरकार को चाहिए कि लौंगी भुईयां को पेंशन और आवास योजना का लाभ मिल सके ताकि घर की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। उन्होंने अपने लिए नही बल्कि कई गांवों के लिए खुद मेहनत की है।

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