बिहार में शराबबंदीः इस गांव के लोगों ने 700 सालों से नहीं पी शराब, धार्मिक मान्यता से जुड़ी है वजह

Edited By Nitika, Updated: 01 Mar, 2022 12:13 PM

people of this village did not drink alcohol

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की कामयाबी के लिए लगातार सक्रिय जरूर हैं, लेकिन बिहार को पूरी तरह से शराबमुक्त करना बेहद मुश्किल है!

 

जमुईः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की कामयाबी के लिए लगातार सक्रिय जरूर हैं, लेकिन बिहार को पूरी तरह से शराबमुक्त करना बेहद मुश्किल है! जहां एक तरफ पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब कारोबारियों को न तो पुलिस का डर है और न ही कानून का भय, लिहाजा वह धड़ल्ले से शराब की खेप पहुंचा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जमुई में एक गांव ऐसा भी है, जहां पर 700 सालों से लोगों ने शराब नहीं पी है। इसके पीछे की वजह धार्मिक मान्यता से जुड़ी हुई है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता के अनुसार, जमुई जिले के गंगरा गांव से सामने आया है, जहां पर गिद्धौर प्रखंड के 400 घरों में बीते 700 सालों से भी अधिक पूर्ण शराबबंदी लागू है। पुलिस का दावा है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद आज तक कभी भी शराब का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इतना ही नहीं यहां शराब सेवन कर गांव आने से हर किसी को मनाही है।

वहीं इस गांव अपने आराध्य कुलदेवता कोकिलचंद बाबा की पूजा करते हैं। बाबा कोकिलचंद के त्रिसूत्र मंत्र है। शराब से दूर रहना, नारी का सम्मान करना, अन्न की रक्षा करना। इसके प्रति संकल्पित होकर गांव के लोग अपना जीवन यापन करते है। इस गांव के लोगों को गर्व है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने 2016 में पूर्ण रूप से शराब को बंद किया था लेकिन इनके गांव में 700 सालों से शराब बंद है।

बता दें कि इस गांव में आज तक जिसने भी शराब का सेवन किया है या शराब पीकर गांव आया है, उसका कुछ न कुछ नुकसान जरूर हुआ है। इसके अतिरिक्त जो छात्र पढ़ाई करने के लिए परदेस जाते हैं, वह भी शराब का सेवन नहीं करते।
 

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