Edited By Swati Sharma, Updated: 20 Jun, 2023 02:25 PM
सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच निर्माणाधीन चार लेन के पुल के भरभरा कर गिरने के मामले में अब गार्डर की जांच होगी। साथ ही गार्डर लांचिंग के समय में जो कामगार कार्यरत थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
भागलपुर: सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच निर्माणाधीन चार लेन के पुल के भरभरा कर गिरने के मामले में अब गार्डर की जांच होगी। साथ ही गार्डर लांचिंग के समय में जो कामगार कार्यरत थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
कार्यरत कामगार से होगी पूछताछ
दरअसल, सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच निर्माणाधीन चार लेन के पुल के भरभरा कर गिरने के बाद से यह सवाल उठाया जा रहा था कि पुल के पीलर पर रखे गए गार्डर एक-दूसरे से अच्छे से सटे हुए नहीं थे। उसमें मेटेरियल डालकर गैपिंग को भरने का काम किया गया था। वहीं अब पुल के गिरने के मामले की चल रही जांच में यह देखा जाएगा कि गार्डर एक-दूसरे से फिट बैठ रहा था या नहीं, या फिर इसमें गैपिंग तो नहीं रह गई थी। अगर गैपिंग रहता था तो मेटेरियल डाल कर उस गैप को कहीं भरा तो नहीं गया था। साथ ही गार्डर लांचिंग के समय में जो कामगार कार्यरत थे, उनसे भी पूछताछ होगी। पुल निर्माण से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली की जांच होगी। क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर की भूमिका की भी जांच होगी।
गौरतलब हो कि बिहार के भागलपुर जिले में चार जून को गंगा नदी पर अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का निर्माणाधीन एक हिस्सा गिर गया। हादसे के एक दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था, “जो पुल टूटा था वह पिछले साल भी गिर गया था। इसका निर्माण ठीक से नहीं हो रहा है, यही कारण है कि यह अप्रैल 2022 से दो बार गिर चुका है।'' बता दें कि 1710 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। नीतीश कुमार ने साल 2014 में पुल की नींव रखी थी। लेकिन गंगा नदी पर बन रहा अगुवानी-सुल्तानगंज पुल भरभराकर गिर गया। देखते ही देखते पुल नदी में समा गया। इस पर 30 से ज्यादा स्लैब और 3 पाए भरभरा कर गिर गए।