Edited By Updated: 28 Dec, 2016 09:52 AM
बिहार राज्य की न्यायिक सेवा में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक......
पटना: बिहार राज्य की न्यायिक सेवा में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव जी एस गंगवार ने बताया कि बिहार उच्च न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2016 एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) संशोधन नियमावली 2016 की स्वीकृति दी गई है। उन्हांेने बताया कि इस नियमावली में निहित आरक्षण के प्रावधानों के तहत बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायधीश (प्रवेश बिंदू) और बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति में अत्यंत पिछडा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत, पिछडा वर्ग के लिए 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए एक प्रतिशत का प्रावधान है। सभी श्रेणियों में महिलाआें के लिए 35 प्रतिशत और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान होगा। गंगवार ने बताया कि बिहार उच्च न्यायिक सेवा में वर्तमान में कोई आरक्षण नहीं है जबकि बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि गृह विभाग :सैनिक कल्याण निदेशालय: के अन्तर्गत युद्ध जैसी स्थिति में सीमा पर शहीद होने वाले सीमा सुरक्षा बल के बिहार निवासी कर्मियों के निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान 5 लाख रुपए से बढाकर 11 लाख रुपये करने की स्वीकृति एवं उनके अंत्येष्टि पुलिस सम्मान के साथ करने की स्वीकृति दी गयी। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के आलोक में पहचान किए गए पात्र व्यक्तियों अथवा परिवारों को लक्षित जनवितरण प्रणाली के माध्यम से निर्धारित मात्रा एवं दर पर खाद्यान्न की आपूर्ति अन्नपूर्ण योजना में खाद्यान्न की आपूर्ति एवं केरोसिन तेल वितरण सुनिश्चित करने के लिए बिहार राशन कूपन एवं किरासन तेल कूपन योजनान्तर्गत लाभुकों को उपलब्ध कराये गये राशन कूपन एवं किरासन कूपन के लिए 15-15 लाख रुपए व्यय की स्वीकृति दी गई।
ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली 2016 की धारा 3 के तहत राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद का गठन विकास आयुक्त की अध्यक्षता में किए जाने तथा नियमावली की धारा 6 में निवेश प्रस्तावों का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एक आनलाइन प्रणाली का उपयोग किए जाने को मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि साथ ही बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली 2016 की धारा 9 के तहत विभिन्न अधिनियमों और नियमों के अंतर्गत सक्षम प्राधिकार द्वारा समय सीमा के भीतर मंजूरी दी जाएगी।
ब्रजेश ने बताया कि इस नियमावली के तहत 2.5 करोड रुपए से कम निवेश को औद्योगिक विकास आयुक्त, 2.5 से 10 करोड रूपये तक का निवेश को उद्योग विभाग के मंत्री, 10 से 20 करोड़ रुपए तक का निवेश को उद्योग एवं वित्त विभाग के मंत्रीगण द्वारा संयुक्त रूप से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार स्टेट पावर होल्डिंग की अनुषंगी कंपनियों को विद्युत क्रय के मद में एनटीपीसी और अन्य उर्जा प्रतिष्ठानों को भुगतान के लिए अनुदान के तौर पर 221.33 करोड रुपए उपलब्ध कराए जाने को मंजूरी दी है। ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद की संपन्न बैठक में कुल 14 एजेंडों पर निर्णय लिए गये। भ