बिहार उपचुनावः चिराग के चुनाव प्रचार को लेकर असमंजस बरकरार, लोजपा रामविलास ने BJP के दावे को किया खारिज

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Oct, 2022 10:06 AM

confusion continues over chirag s election campaign

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रदेश इकाई के प्रमुख राजू तिवारी ने कहा कि उपचुनाव के संबंध में अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग की ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें आश्चर्य है कि भाजपा इस तरह का दावा कैसे कर...

पटनाः चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उस दावे को शनिवार को खारिज कर दिया कि चिराग भाजपा उम्मीदवारों के लिए बिहार के मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में प्रचार करेंगे। 

"इस तरह का दावा कैसे कर रही BJP"
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रदेश इकाई के प्रमुख राजू तिवारी ने कहा कि उपचुनाव के संबंध में अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग की ओर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें आश्चर्य है कि भाजपा इस तरह का दावा कैसे कर रही है। जहां तक हमारी जानकारी है, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन से समान दूरी पर रहने के हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।'' तिवारी से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के उस दावे के बारे में पूछा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि चिराग ‘‘राजग के सहयोगी'' हैं और वे तीन नवंबर को दोनों सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। 

BJP के समर्थन में प्रचार कर रहे पारस 

हालांकि तिवारी ने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष रविवार को बिहार आएंगे। हम उनके दिशा-निर्देश का इंतजार करेंगे और उनकी सलाह पर काम करेंगे।'' अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का नेतृत्व जमुई के सांसद चिराग ने उस समय तक किया था जब तक उनके विद्रोही चाचा पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के अन्य सांसदों के साथ मिलकर लोजपा को विभाजित नहीं किया। पारस ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग के विद्रोह को अस्वीकार कर दिया था, जो उस समय राजग के सहयोगी थे। पारस को केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाना उनके भतीजे चिराग की नाराजगी का एक कारण था। बाद में चाचा और भतीजे के नेतृत्व में अलग हुए समूहों को अलग-अलग राजनीतिक दलों के रूप में मान्यता दी गई थी। पारस राजग में बने हुए हैं और भाजपा उम्मीदवारों सोनम देवी (मोकामा) और कुसुम देवी (गोपालगंज) के समर्थन में प्रचार करने उतरे हैं।

इसके विपरीत चिराग उस गठबंधन का पक्ष लेने के बारे में अस्पष्ट रहे हैं, जिसमें उनके विद्रोही चाचा एक हिस्सा हैं, हालांकि ऐसा लगता है कि वे किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारकर विकल्प खुले रखे हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य दलों के साथ महागठबंधन की सरकार बनाने के पूर्व चिराग और राजद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी यादव साथ दिखे थे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का विचार था कि दोनों युवा नेताओं को एक साथ आना चाहिए। इस बीच नीतीश कुमार से नाता टूट जाने के बाद भाजपा महागठबंधन से बाहर के अन्य दलों का समर्थन हासिल करने की जी तोड़ कोशिश कर रही है। जायसवाल के दावे के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘‘हमारे प्रदेश अध्यक्ष व्यर्थ नहीं बोल सकते थे। चिराग को कल आने दें। आपको सच्चाई का पता चल जाएगा।''

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