Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jan, 2022 12:09 PM
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बुधवार को मौर्य साम्राज्य के शासक अशोक के बारे में दया प्रकाश सिन्हा की हाल की पुस्तक को तथ्यों से परे और दुर्भावना से प्रेरित बताया और कहा कि फजीहत होने के बाद भाजपा चाहे जितना दावा कर ले कि सिन्हा उनके संगठन से...
पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने बिहार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से किए जाने को लेकर मचे घमासान के बीच कहा कि अशोक को निशाना बनाया जाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की इतिहास के अपने हिसाब से इस्तेमाल करने की परियोजना का हिस्सा है।
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बुधवार को मौर्य साम्राज्य के शासक अशोक के बारे में दया प्रकाश सिन्हा की हाल की पुस्तक को तथ्यों से परे और दुर्भावना से प्रेरित बताया और कहा कि फजीहत होने के बाद भाजपा चाहे जितना दावा कर ले कि सिन्हा उनके संगठन से जुड़े नहीं है लेकिन सच यही है कि यह हमला आरएसएस की इतिहास परियोजना का ही एक हिस्सा है। इसमें पहले मुस्लिम शासकों को निशाना बनाया गया और अब दलित-पिछड़े समुदाय से आने वाले शासकों को निशाने पर लिया जा रहा है।
कुणाल ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्य यह है कि अपने प्रारंभिक जीवन में सत्ता पर कब्जे के खूनी संघर्ष के बाद अशोक में मानवीय बदलाव हुए और उन्होंने अपने धम्म अभियान के जरिए बौद्ध धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया। उन्होंने उस वक्त के सभी धर्मों-पंथों एवं विचारों को भी राज्याश्रय दिया और किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया। राज्य सचिव ने कहा कि सम्राट अशोक ने आजीवक संप्रदाय के लिए भी कई काम किए। उसकी धम्म नीति इतिहास में बिरले मिलती है। वह समाज की समस्याओं एवं तनावों को हल करने का एक गंभीर प्रयास था। उन्होंने कहा कि अशोक ने जनकल्याण के भी कई कार्य किए और उसने बेहद उदार रूख अपनाया।