Edited By Swati Sharma, Updated: 19 Oct, 2022 11:39 AM
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग कर आगे कि कार्रवाई शुरू की जाएगी। निलंबन की अवधि में दोनों आइपीएस अधिकारी का मुख्यालय अटैच किया गया है। बता दें कि दयाशंकर आईपीएस पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए वैध...
पटना: बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपी 2 आईपीएस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। डीजीपी से जालसाजी के मामले में शामिल गया के पूर्व एसएसपी एवं वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के सहायक आदित्य कुमार को सरकार ने निलंबित किया है। कुछ दिनों पहले आय से अधिक संपत्ति मामले में एसपी दयाशंकर को भी निलंबित कर दिया गया हैं। वहीं गृह विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी है।
एसपी दयाशंकर के पास मिली थी अकूत संपत्ति
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग कर आगे कि कार्रवाई शुरू की जाएगी। निलंबन की अवधि में दोनों आइपीएस अधिकारी का मुख्यालय अटैच किया गया है। बता दें कि दयाशंकर आईपीएस पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए वैध तरीके से 1.09 करोड़ और 72.71 लाख रुपये की अवैध कमाई की है। पिछले दिनों एसपी दयाशंकर के ठिकानों पर एसवीयू और ईओयू ने छापेमारी की थी। छापेमारी में एसपी की काली कमाई के कई सबूत मिले थे। निगरानी विभाग की टीम ने एसपी के घर से 2 लाख 96 हजार रुपए कैश, 1 करोड़ 25 लाख की अवैध सम्पत्ति के कागजात के रूप में मिले थे। इसके अलावा पटना में एसपी के पास कई फ्लैट भी पाए गए थे।
आदित्य पर डीजीपी से जालसाजी का लगा था आरोप
वहीं गया के पूर्व एसएसपी एवं वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के सहायक आदित्य कुमार डीजीपी से जालसाजी के मामले में आरोपी हैं। कि आदित्य कुमार ने अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश रची। इस साजिश के तहत खुद अभिषेक अग्रवाल ने पटना हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की फेक आईडी बनाई और फिर जज बनकर आदित्य कुमार के केस को जल्द खत्म करने का दबाव डीजीपी पर बनाया। इस पूरे षड्ंयत्र में उनके साथ अभिषेक अग्रवाल के भी मुख्य भूमिका निभाई थी।