"अदालत की कड़ी फटकार के बाद माफी मांगने पर बची तेजस्वी की जमानत, हिम्मत हो तो फिर धमकाएं"

Edited By Nitika, Updated: 19 Oct, 2022 03:02 PM

statement of sushil modi

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला में अभियुक्त तेजस्वी प्रसाद यादव को अदालत की कड़ी फटकार के बाद अपनी जमानत बचाने के लिए माफी मांगनी पड़ी है और अब यदि उनमें हिम्मत हो तो वह केंद्रीय...

 

पटनाः भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) घोटाला में अभियुक्त तेजस्वी प्रसाद यादव को अदालत की कड़ी फटकार के बाद अपनी जमानत बचाने के लिए माफी मांगनी पड़ी है और अब यदि उनमें हिम्मत हो तो वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अधिकारियों को दी गई धमकी दोहराएं।

सुशील मोदी ने बयान जारी कर कहा कि दोबारा उप मुख्यमंत्री बनते ही तेजस्वी प्रसाद यादव ने धमकी वाले अंदाज में कहा था कि सीबीआई के जो अफसर लालू परिवार के विरुद्ध जांच में लगे हैं, उनके भी माता-पिता-बच्चे हैं और वे रिटायर भी होंगे। उन्होंने कहा कि एक अभियुक्त और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का केंद्रीय जांच एजेंसी को धमकाना गंभीर मामला है, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया।

भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार के उप मुख्यमंत्री को अदालत में पेश होकर माफी मांगनी पड़ी, यह शर्म की बात है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ऐसे जश्न मना रहा है, जैसे वे बरी हो गए हों। उन्होंने कहा कि रेलवे (आईआरसीटीसी) के दो होटल लीज पर देने के बदले तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार को पटना के सगुना मोड़ की कीमती जमीन लिख दी गई थी। इसी जमीन पर तेजस्वी प्रसाद यादव का 750 करोड़ रुपए का 10 मंजिला मॉल बन रहा था।

मोदी ने कहा कि इस घोटाले का उछ्वेदन श्री राजीव रंजन सिंह उफर् ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही किया था। इन्हीं दोनों ने सीबीआई को सबूत के कागजात पहुंचाए थे और अब यही लोग पूरी बेशर्मी से तेजस्वी प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब राजद से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने गठबंधन तोड़ा था तब तेजस्वी प्रसाद यादव पर केवल आरोप लगे थे और मुख्यमंत्री उनसे उसका बिंदुवार जवाब मांग रहे थे।

भाजपा सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी प्रसाद यादव को क्लीनचिट मिले बिना उनकी पार्टी से दोबारा हाथ मिला लिया जबकि पांच साल में उनके खिलाफ कारर्वाई प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर आरोपपत्र दायर होने तक आगे बढ़ चुकी थी। उन्होंने कहा कि जो कानूनी प्रक्रिया राजद-जदयू के दोबारा मिलने से पहले हो चुकी थी उसे नीतीश कुमार राजद से गठबंधन तोड़ने की कार्रवाई कैसे बता रहे हैं।
 

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