जानिए किस एजेंडे पर PM मोदी और CM नीतीश लड़ेंगे चुनाव, नीतीश बाबू के तरकश में एक साथ हैं कई तीर

Edited By Nitika, Updated: 21 Mar, 2024 01:37 PM

agenda of pm modi and cm nitish in loksabha election

देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। बिहार की चालीस सीटों पर भी एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 17 साल के कामकाज पर जनता से वोट मांगेंगे।

 

पटनाः देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। बिहार की चालीस सीटों पर भी एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 17 साल के कामकाज पर जनता से वोट मांगेंगे। विधानसभा के फ्लोर पर बहुमत हासिल करने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया था कि एनडीए सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगी। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी एनडीए दो सौ से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी।

नीतीश बाबू ने दावा किया है कि राज्य और केंद्र सरकार की विकास से जुड़ी उपलब्धियों के दम पर एनडीए बंपर जीत हासिल करेगी। आइए जानते हैं कि आखिर एनडीए किन मुद्दों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। 2024 का लोकसभा चुनाव एनडीए पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ेगी। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार करिश्माई राजनेता हैं। दोनों नेता लंबे समय तक जनता का भरोसा कायम रखने में सफल रहे हैं। एक लिहाज से देखें तो नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के दामन पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं है। इसलिए एनडीए दोनों नेताओं के चेहरे पर भरोसा करके चल रही है, हालांकि दोनों नेताओं के करिश्माई नेतृत्व की इस बार अग्नि परीक्षा होनी है।

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने जातिवादी राजनीति की नई व्याख्या की है। उन्होंने कहा कि देश में चार जातियां हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में सिर्फ चार जातियां गरीब, युवा, महिलाएं और किसान हैं। साफ है कि मोदी ने आर्थिक आधार पर समाज का वर्गीकरण किया है। वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने जातिगत गणना करवाकर सामाजिक न्याय को एक नई ऊंचाई दी है। नीतीश कुमार ने जातीय गणना के आधार पर सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का अनुपात बढ़ा दिया है यानी नरेंद्र मोदी आर्थिक आधार पर लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार जातिगणना के जरिए सामाजिक न्याय की यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में आर्थिक और सामाजिक ताने बाने के इर्द गिर्द बनी एनडीए की रणनीति इंडिया गठबंधन से कड़ा मुकाबला कर रही है।

वहीं नीतीश कुमार के सरकार ने लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। 15 अगस्त 2023 को नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा की थी। संयोगवश उस वक्त वे महागठबंधन सरकार के मुखिया थे। अब वे भाजपा के साथ एनडीए के सीएम हैं। नीतीश की सरकार ने बिहार में नौकरियों का पिटारा खोल दिया। नवंबर 2023 से जनवरी 2024 तक लगभग सवा दो लाख नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है। बीपीएससी द्वारा शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण के लिए परीक्षा का आयोजन 7 से 15 दिसंबर तक किया गया था। दूसरे चरण की परीक्षा के तहत कुल 1 लाख 20 हजार पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें करीब आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस परीक्षा के बाद एक लाख दस हजार अभ्यर्थी सफल हुए है, जिन्हें 13 जनवरी को नियुक्त पत्र सौंपा गया। इसी तरह पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग में भी बड़े पैमाने पर बहाली की गई यानी सरकारी नौकरी देने के एजेंडे को नीतीश कुमार चुनावी मुद्दा बना सकते हैं।

साफ है कि नीतीश कुमार इस बार लाखों सरकारी नौकरी देने को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताएंगे। इसके अलावा चिराग पासवान,उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी का साथ मिलने से एनडीए के सामाजिक आधार का भी विस्तार हुआ है। इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए मजबूती से बिहार में चुनाव लड़ेगी हालांकि आखिरकार जीत किसके हाथ लगेगी ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा।

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