लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में सरकारी नौकरियां, नीतीश की NDA में वापसी जैसे मुद्दे रह सकते हैं अहम

Edited By Nitika, Updated: 17 Mar, 2024 08:17 AM

issues like nitish return to nda may remain important in elections

बिहार में सत्तारूढ़ राजग की ‘महागठबंधन' के साथ सीधी लड़ाई नजर आ रही है, जिसे उसने (राजग ने) पांच साल पहले तब हराया था जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के कम से कम दो घटक विपक्षी गठबंधन के साथ थे।

 

पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ राजग की ‘महागठबंधन' के साथ सीधी लड़ाई नजर आ रही है, जिसे उसने (राजग ने) पांच साल पहले तब हराया था जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के कम से कम दो घटक विपक्षी गठबंधन के साथ थे। राजग में इस बार भाजपा के साथ जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। फिलहाल, भाजपा को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान के बेटे चिराग और भाई पशुपति कुमार पारस की अध्यक्षता वाले प्रतिद्वंद्वी खेमों का समर्थन भी प्राप्त है।

कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल के ‘महागठबंधन' ने ढाई साल पहले हुए विधानसभा चुनावों से पूर्व भाकपा (माले) लिबरेशन के साथ गठजोड़ बनाया था और उसने मजबूत नजर आ रहे राजग को कड़ी चुनौती दी थी। लगभग दो महीने पहले नीतीश कुमार की अचानक राजग में वापसी से बनी स्थिति से पार पाने के लिए महागठबंधन 2020 में अपने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगा। बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से एक जून के बीच 7 चरणों में होगा।

राज्य में चुनाव प्रचार में निम्नलिखित मुद्दे छाए रह सकते हैं:-
1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता- इस बार के चुनाव में भी प्रधानमंत्री का करिश्मा और राष्ट्रवाद की भावना अहम साबित हो सकती है।

2. नीतीश कुमार की राजग में वापसी- नीतीश की जनता दल-यूनाइटेड कभी अपने दम पर राज्य में बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी, लेकिन भाजपा के फिर से उससे गठजोड़ बनाने से साबित हो गया है कि क्षेत्रीय दल का प्रभाव बरकरार है।

3. लालू प्रसाद की विरासत- राजद अध्यक्ष को एक दशक से अधिक समय पहले चारा घोटाले के मामले में दोषसिद्धि के बाद चुनाव लड़ने का अधिकार खोना पड़ा था लेकिन फिर से उनकी सक्रियता चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती है। लालू के ‘परिवार' वाले बयान पर भाजपा के ‘मोदी का परिवार' अभियान से भी साबित होता है कि राजद अध्यक्ष को कोई भी हल्के में नहीं लेता।

4. सरकारी नौकरियां- पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘10 लाख सरकारी नौकरियों' का वादा करके अपने पिता की छाया से बाहर निकलने में सफल रहे थे। उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार में रहते हुए अपने वादे को पूरा करने का प्रयास किया। राज्य में यह एक बड़ा मुद्दा है।

5. विशेष दर्जा- राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की नीतीश कुमार की मांग भी राज्य में प्रमुख मुद्दा रही है।

6. राम मंदिर- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बिहार को देवी सीता की भूमि कहे जाने जैसे विषय चुनाव में अहम साबित हो सकते हैं।

7. आरक्षण- राज्य में वंचित जातियों के लिए आरक्षण बढ़ाने का श्रेय राजग और महागठबंधन दोनों ही लेते हैं। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है।

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