Munger Lok Sabha Seat पर होगी ललन सिंह और अनीता देवी की टक्कर, बाहुबली अशोक महतो फैक्टर से चुनाव पर सबकी टिकी नजर

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Mar, 2024 04:15 PM

lalan singh and anita devi will contest on munger lok sabha seat

1996 में ब्रह्मानंद मंडल समता पार्टी के टिकट पर एक बार फिर से चुनाव जीते। 1998 में आरजेडी के विजय कुमार विजय चुनाव जीते जबकि 1999 में ब्रह्मानंद मंडल JDU के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे। 2004 में यह सीट एक बार फिर से आरजेडी के खाते में गई और जय...

मुंगेरः बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मुंगेर लोकसभा सीट है। साल 1952 में इस सीट पर मथुरा प्रसाद मिश्र और सुरेश चंद्र मिश्र कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए। साल 1957 में भी इस सीट पर दो सांसद चुने गए। इस बार भी कांग्रेस के टिकट पर ही बनारसी प्रसाद सिन्हा और नयन तारा दास चुनाव जीते। 1962 में इस सीट पर एक सांसद चुने गए। इस बार कांग्रेस के टिकट पर बनारसी प्रसाद सिन्हा सांसद बने जबकि 1964 के उपचुनाव और 1967 के आम चुनाव में एसएसपी के टिकट पर मधु लिमये सांसद बने। 

1971 में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के पास गई और देवेंद्र प्रसाद यादव सांसद चुने गए जबकि आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर श्रीकृष्ण सिंह सांसद बने। 1980 में इस सीट पर इंडियन नेशनल कांग्रेस यू के टिकट पर देवेंद्र प्रसाद यादव सांसद चुने गए तो 1984 में कांग्रेस के टिकट पर देवेंद्र प्रसाद यादव एक बार फिर से सांसद बने। 1989 में जनता दल के टिकट पर धनराज सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। जबकि 1991 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर ब्रह्मानंद मंडल चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 

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1996 में ब्रह्मानंद मंडल समता पार्टी के टिकट पर एक बार फिर से चुनाव जीते। 1998 में आरजेडी के विजय कुमार विजय चुनाव जीते जबकि 1999 में ब्रह्मानंद मंडल JDU के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे। 2004 में यह सीट एक बार फिर से आरजेडी के खाते में गई और जय प्रकाश नारायण यादव यहां से चुनाव जीते। 2009 में जेडीयू के टिकट पर राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सांसद चुने गए जबकि 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर वीणा देवी सांसद बनीं। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जीत हासिल की थी। 

मुंगेर के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें 

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गौरतलब है कि मुंगेर लोकसभा के तहत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं जिनमें मुंगेर जिले की मुंगेर और जमालपुर, लखीसराय जिले की सूर्यगढ़ा और लखीसराय एवं पटना जिले की मोकामा और बाढ़ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जीत हासिल की थी। ललन सिंह ने 5 लाख 28 हजार 762 वोट लाकर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट नीलम देवी 3 लाख 60 हजार 825 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रही थीं तो निर्दलीय कैंडिडेट अमरजीत पटेल ने 18 हजार 646 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर एलजेपी की वीणा देवी ने 3 लाख 52 हजार 911 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं जेडीयू के राजीव रंजन सिंह 2 लाख 43 हजार 827 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि आरजेडी की कैंडिडेट प्रगति मेहता को 1 लाख 82 हजार 971 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहीं थीं। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के राजीव रंजन सिंह ने 3 लाख 74 हजार 317 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं आरजेडी के राम बदन राय 1 लाख 84 हजार 956 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के राम लखन सिंह को 27 हजार 929 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव ने 4 लाख 53 हजार 286 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं जेडीयू के मोनाजिर हसन 3 लाख 37 हजार 359 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीएसपी के अर्जुन कुमार बिंद को 14 हजार 910 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

SC-ST समुदाय भी निभाते रहे हैं निर्णायक भूमिका 
इस बार 13 मई को मुंगेर में लोकसभा चुनाव होना है। एक तरफ जेडीयू ने फिर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर भरोसा जताया है तो दूसरी तरफ आरजेडी ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को चुनावी मैदान में उतारा है। मुंगेर के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां यादव और कुशवाहा वोटर्स की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा सामान्य वर्ग और एससी-एसटी समुदाय के लोग भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। यहां मुस्लिम वोटर्स की तादाद 48 फीसदी है। 

यादव, मुस्लिम और कुशवाहा वोटर्स को साधने में लगी आरजेडी
2008 में परिसीमन के बाद इस सीट पर भूमिहारों का दबदबा भी बढ़ा है। पहले का मुंगेर अब सिमट गया है। इसमें से तीन जिले काटकर अलग बना दिए गए हैं। 1976 में मुंगेर से बेगूसराय अलग हो गया। 1988 में खगड़िया और 1991 में जमुई अलग जिला बना दिया गया। इस बार यादव, मुस्लिम और कुशवाहा वोटर्स को साधने के लिए आरजेडी ने अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया है। अगर ये दांव काम कर गया तो ललन सिंह के लिए संसद का रास्ता आसान नहीं होगा। 

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