Nalanda Lok Sabha Seat: नालंदा सीट पर क्या जीत का चौका लगा पाएंगे कौशलेंद्र, भाकपा माले ने संदीप सौरव पर खेला है दांव

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Apr, 2024 12:39 PM

will kaushalendra be able to score a victory on nalanda seat

यहां पर साल 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कैलाशपति सिन्हा सांसद बने। 1957 में भी कैलाशपति सिन्हा ही सांसद चुने गए। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के टिकट पर सिद्धेश्वर प्रसाद लगातार तीन बार सांसद बने। 1977 में इस सीट पर भारतीय...

Nalanda Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक नालंदा लोकसभा सीट है। नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। आज भी यहां पर विश्व की सबसे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष मौजूद हैं। बुद्ध और महावीर से भी इस स्थान का जुड़ाव रहा है। पर्यटकों को देखने के लिए यहां नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष, संग्रहालय, नव नालंदा महाविहार और ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल जैसे बहुत कुछ मौजूद है। भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक को यहीं पर उपदेश दिया था। अब नालंदा के राजनीतिक इतिहास के बारे में आपको बताते हैं। 

यहां पर साल 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कैलाशपति सिन्हा सांसद बने। 1957 में भी कैलाशपति सिन्हा ही सांसद चुने गए। इसके बाद 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस के टिकट पर सिद्धेश्वर प्रसाद लगातार तीन बार सांसद बने। 1977 में इस सीट पर भारतीय लोक दल को जीत मिली और बीरेंद्र प्रसाद सांसद चुने गए। 1980 और 1984 में यह सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में गई और दोनों बार विजय कुमार यादव सांसद बनने में कामयाब रहे। साल 1989 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और रामस्वरूप प्रसाद सांसद चुने गए लेकिन 1991 में फिर से विजय कुमार यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद 1996 और 1998 में यह सीट समता पार्टी के खाते में गई और दोनों बार जार्ज फ़र्नान्डिस सांसद चुने गए। 

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इसके बाद 1999 में भी जार्ज फ़र्नान्डिस सांसद चुने गए लेकिन इस बार फर्नांडिस जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़े थे। 2004 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर ही नीतीश कुमार सांसद चुने गए लेकिन 2005 में नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने। तब इस सीट पर साल 2006 में जेडीयू के टिकट पर रामस्वरूप प्रसाद सांसद चुने गए। इसके बाद 2009 और 2014 में जेडीयू के टिकट पर कौशलेंद्र कुमार लगातार दो बार सांसद बनने में कामयाब रहे हैं। 2019 में भी जेडीयू कैंडिडेट कौशलेंद्र कुमार ने फिर जीत हासिल की थी। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जेडीयू ने कौशलेंद्र कुमार को एक बार फिर से मैदान में उतारा है। 

नालंदा लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 7 सीटें 

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नए परिसीमन के बाद नालंदा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें नालंदा जिले की अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट कौशलेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी। कौशलेंद्र कुमार को 5 लाख 40 हजार 888 वोट हासिल किया था। वहीं हम कैंडिडेट अशोक कुमार आजाद ने 2 लाख 84 हजार 751 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो रामविलास पासवान 21 हजार 276 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार ने 3 लाख 21 हजार 982 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं LJP के सत्य नंद शर्मा 3 लाख 12 हजार 355 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के आशीष रंजन सिन्हा को 1 लाख 27 हजार 270 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार ने 2 लाख 99 हजार 155 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं LJP के सतीश कुमार 1 लाख 46 हजार 478 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि LTSD के अनिल सिंह को 20 हजार 335 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 की बात करें तो JDU के नीतीश कुमार ने 4 लाख 71 हजार 310 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। वहीं LJNSP के डॉ. कुमार पुष्पंजय 3 लाख 68 हजार 914 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि CPI(ML)L के परमानंद प्रसाद को 19 हजार 124 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

नीतीश कुमार का गढ़ मानी जाती है नालंदा सीट 
नालंदा में एक जून को लोकसभा चुनाव होना है। यह सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गढ़ माना जाता है। यहां से एक बार फिर नीतीश बाबू ने कौशलेंद्र कुमार पर ही भरोसा जताया है। वहीं महागठबंधन की तरफ से भाकपा माले ने संदीप सौरव को चुनावी मैदान में उतारा है। नालंदा लोकसभा सीट में कुर्मी वोटरों की संख्या 4 लाख से ज्यादा है। कुर्मी समाज परंपरागत तौर पर जेडीयू का वोटर माने जाते हैं। वहीं दूसरे नंबर पर यहां यादवों की संख्या है। यहां करीब 3 लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। इन्हें परंपरागत तौर पर राजद का वोटर माना जाता है। नालंदा लोकसभा सीट पर तीसरे नंबर पर मुस्लिम वोटरों की आबादी है। नालंदा संसदीय सीट पर 1 लाख 70 हजार मुस्लिम वोटर हैं। वहीं नालंदा लोकसभा सीट पर बनिया वोटरों की भी अच्छी तादाद है। नांलदा में करीब 1 लाख 60 हजार बनिया वोटर हैं। ये परंपरागत रुप से बीजेपी का वोटबैंक माने जाते है। 

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