Edited By Nitika, Updated: 18 Apr, 2021 05:48 PM
बिहार ने मक्के की उपज में अमेरिका को भी मात दी है। दरअसल, भागलपुर सहित 7 जिलों में मक्का की उत्पादकता 50 क्विंटल प्रति एकड़ पहुंच गई है, जो कि बिहार के लिए गर्व की बात है। वहीं बिहार में 10 साल में 3 गुना मक्के का उत्पादन बढ़ गया है।
पटनाः बिहार ने मक्के की उपज में अमेरिका को भी मात दी है। दरअसल, भागलपुर सहित 7 जिलों में मक्का की उत्पादकता 50 क्विंटल प्रति एकड़ पहुंच गई है, जो कि बिहार के लिए गर्व की बात है। वहीं बिहार में 10 साल में 3 गुना मक्के का उत्पादन बढ़ गया है।
बिहार में साल 2005-06 में मक्के का कुल आच्छादन क्षेत्र 6.48 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 10.36 लाख टन हुआ। वर्ष 2016-17 में मक्के का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया। बिहार के इन जिलों में आज मक्के की उत्पादकता 50 क्विंटल प्रति एकड़ हो गई है। यह विश्व की सबसे अधिक उत्पादकता 48 क्विंटल प्रति एकड़ वाले अमेरिकी के क्षेत्र- इलिनोइस, आयोवा और इंडियाना से अधिक है। हालांकि कुल उत्पादन के मामले में देश में ही बिहार दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर तमिलनाडु है। इसका प्रमुख कारण है कि राज्य में केवल रबी मौसम में ही मक्के की फसल अधिक होती है। खरीफ में किसान धान उत्पादन पर ही जोर देते हैं।
वहीं बिहार सरकार ने उत्पादकता का जिलावार आंकड़ा लिया। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर जिलों में औसत उत्पादकता 50 रू क्विंटल प्रति एकड़ है। बता दें कि साल 2016 में ही मक्के की सर्वश्रेष्ठ उत्पादकता के लिए केंद्र सरकार ने बिहार को कृषि कर्मण पुरस्कार दिया था।