Edited By Ramanjot, Updated: 17 Dec, 2020 01:14 PM
सीवान के चर्चित तेजाब कांड में बाहुबली शहाबुद्दीन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने वाले और उन्हें तिहाड़ जेल पहुंचाने वाले चंदेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का निधन हो गया है। चंदा बाबू लंबे समय से बीमार थे।
पटनाः सीवान के चर्चित तेजाब कांड में बाहुबली शहाबुद्दीन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने वाले और उन्हें तिहाड़ जेल पहुंचाने वाले चंदेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू का निधन हो गया है। चंदा बाबू लंबे समय से बीमार थे।
बताया जा रहा है कि चंदा बाबू हाल ही में इलाज कराकर घर लौटे थे। वहीं बुधवार की रात अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं उनके निधन के बाद घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
बता दें कि सीवान में 2004 में बहुचर्चित तेजाब कांड में चंदा बाबू के तीनों बेटों की मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। उस समय बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का काफी दबदबा था। साल 2005 में नीतीश कुमार की सरकार आने के बाद शहाबुद्दीन पर कानूनी कार्रवाई तेजी से बढ़ी। बहरहाल, शहाबुद्दीन पर कार्रवाई हुई और वो अभी इस मामलें में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
क्या था बिहार का तेजाब कांड?
बिहार के सीवान में रहने वाले चंदा बाबू जाने-माने दुकानदार थे। 16 अगस्त 2004 की बात है जब चंदा बाबू का बेटा दुकान पर था। उसी दौरान कुछ बदमाशों ने उनसे रंगदारी मांगी। वहीं बदमाशों से कहासुनी हुई तो बदमाशों ने चंदा बाबू के दोनों बेटों पर तेजाब डाल दिया और उनकी हत्या कर दी गई। इसी के बाद चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन के खिलाफ कानूनी लड़ाई की शुरुआत की थी, जो 2004 से शुरू होकर लंबे समय तक चली। फिर 16 जून 2014 को उनके बड़े बेटे और दोनों भाइयों की हत्या का चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई।