दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने करीब 7 दशक पुराने दीवानी मामले का किया निष्पादन

Edited By Ramanjot, Updated: 14 Aug, 2021 01:17 PM

court executed about seven decades old civil case

व्यवहार न्यायालय, दरभंगा के पंचम अवर न्यायाधीश रोहित कुमार की अदालत ने 68 वर्ष पुराने एक दीवानी मामले का निष्पादन किया। मामले में विगत 30 वर्षों से पक्षकार अनुपस्थित है। अदालत ने 25 जून 2021 को विशेष दूत के माध्यम से पक्षकारों को नया नोटिस भेजा।...

दरभंगाः बिहार में दरभंगा न्याय मंडल के तहत दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने शुक्रवार को करीब सात दशक पुराने और रिकार्ड के मुताबिक जिले के सबसे पुराने एक दीवानी मामले का निष्पादन किया। 

व्यवहार न्यायालय, दरभंगा के पंचम अवर न्यायाधीश रोहित कुमार की अदालत ने 68 वर्ष पुराने एक दीवानी मामले का निष्पादन किया। मामले में विगत 30 वर्षों से पक्षकार अनुपस्थित है। अदालत ने 25 जून 2021 को विशेष दूत के माध्यम से पक्षकारों को नया नोटिस भेजा। विशेष दूत ने एक जुलाई 2021 को पक्षकारों को उक्त नोटिस प्राप्त कराया। इसके बावजूद भी पक्षकार उपस्थित नहीं हुए जिससे स्पष्ट हुआ कि डिक्री तैयार करने में पक्षकारों को कोई अभिरुचि नही है। अदालत ने फाइनल डिक्री तैयार करने के कार्य को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया तथा वाद अभिलेख को अभिलेखागार में जमा करने का आदेश पारित करते हुए 1952 से लंबित इस मामले को निष्पादित कर दिया। यह मुकदमा दरभंगा न्याय मंडल में सबसे पुराना था। 

जानकारी के अनुसार, उक्त मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्र के आदेश पर 25 जून 2021 को स्थान्तरित होकर अवर न्यायाधीश पंचम कुमार की अदालत में भेजा गया था। साथ हीं तीन पखवाड़े के अंदर मामले को निष्पादित करने का आदेश दिया गया था। उपरोक्त मुकदमा 11 अगस्त 1952 को तत्कालीन समस्तीपुर जिला के रोसड़ा थाना क्षेत्र के पवरा सैदपुर निवासी शिव नाथ महतो के पुत्र रामी महतो, मिश्री महतो सहित अन्य ने इसी गांव के रघुवर महतो के पुत्र राम भरोस महतो एवं अन्य के विरुद्ध दिवानी मामलापट्टी बंदी वाद संख्या157/1952 न्यायालय में दाखिल किया था। सं.सतीश

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