Edited By Ramanjot, Updated: 20 Sep, 2020 03:26 PM
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), पटना पूर्वी भारत के स्टार्टअप के इन्क्यूबेशन हब के रूप में विकसित करने के लिए हर संभव मदद करेगी।
पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), पटना पूर्वी भारत के स्टार्टअप के इन्क्यूबेशन हब के रूप में विकसित करने के लिए हर संभव मदद करेगी।
सुशील मोदी ने शनिवार को आईआईटी पटना (बिहटा) परिसर में 47 करोड़ रुपए की लागत से 30 हजार वर्ग फुट में निर्मित इन्क्यूबेशन सेंटर के भवन का वीडियो कंफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करते हुए कहा कि इसे पूर्वी भारत के स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन हब के रूप में विकसित करने में सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने स्टार्टअप से अपील की कि प्राकृतिक आपदा बाढ़, सूखा, वज्रपात, कोरोना, टीबी, कालाजार जैसी बीमारियां जिससे बिहार सर्वाधिक प्रभावित है, से मुकाबले के लिए अन्वेषण कर नए-नए एप, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विकसित करें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन्क्यूबेशन सेंटर के ‘मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजायन एंड मैन्युफैक्चरिंग' से जुड़े 40 से ज्यादा स्टार्टअप (कंपनियों) जिनमें 20 के संस्थापक बिहारी हैं, को तकनीकी सहायता और प्रत्येक को 10-10 लाख रुपए की सीड फंडिंग राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। इस सेंटर को अब तक राज्य सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपए और केन्द्र की ओर से 22 करोड़ रुपए यानी कुल 47 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। नवनिर्मित भवन में 100 से ज्यादा स्टार्टअप को स्थान उपलब्ध कराया जा सकता है।
सुशील मोदी ने कहा कि अब तक छह स्टार्टअप की ओर से अपने सात उत्पादों को वाणिज्यिक उपयोग के लिए बाजार में उतारा जा चुका है, जिनमें स्कूली शिक्षा के लिए रोबोटिक्स, टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म, वर्चुअल क्लास रूम एवं कृत्रिम हाथ-पांव प्रमुख हैं। सेंटर के जरिए पांच हजार से ज्यादा नौजवानों को जागरूकता और स्पर्धा कार्यक्रम, उद्यमिता प्रशिक्षण एवं अन्य अल्पकालीन कार्यक्रमों से जोड़ा जा चुका है।