Edited By Ramanjot, Updated: 25 Sep, 2021 05:36 PM
दरअसल, मनीष कुमार एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता मुसाफिर सिंह एक दवा की दुकान में सेल्समेन की नौकरी करते थे, जिससे उनका परिवार का पालन पोषण होता था। इसी बीच साल 2010 में अचानक उनका निधन हो गया। इसका बाद परिवार के भरण पोषण की सारी...
सहरसाः कहते हैं अगर हौसले बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है। फिर कोई भी मुश्किल रास्ते में बाधा नहीं बनती। कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया सहरसा के मनीष कुमार ने, जिसने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर न सिर्फ अपने सपने को पूरा किया, बल्कि कोशी जैसे पिछड़े इलाके का नाम भी रौशन किया।
पहले प्रयास में ही हासिल की सफलता
दरअसल, मनीष कुमार एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता मुसाफिर सिंह एक दवा की दुकान में सेल्समेन की नौकरी करते थे, जिससे उनका परिवार का पालन पोषण होता था। इसी बीच साल 2010 में अचानक उनका निधन हो गया। इसका बाद परिवार के भरण पोषण की सारी जिम्मेदारी मनीष कुमार पर आ गई। छोटे उम्र से ही परिवार का भरण पोषण करते हुए उन्होंने प्राइवेट ट्यूशन कर अपनी पढ़ाई जारी रखी। वहीं कोरोना काल में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और अब पहले प्रयास में ही सफलता प्राप्त करते हुए 581वां रैंक हासिल किया।
IAS व IPS का रैंक हासिल करना चाहते हैं मनीष
मनीष कुमार ने सहरसा के न्यू कॉलोनी स्थित मध्य विद्यालय से 8वीं पास कर की। इसके बाद जिला स्कूल से 10वीं पास किया और फिर 2013 में सर्वनारायण सिंह, रामकुमार सिंह महाविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। पिता के निधन के बाद आर्थिक तंगी से जूझते हुए उन्होंने न सिर्फ अपनी मंजिल हासिल की बल्कि इलाके का नाम भी रौशन किया है। मनीष कुमार कहते हैं कि उनका लक्ष्य आईएएस व आईपीएस रैंक हासिल करना है, जिसके लिए तैयारी जारी है।