Edited By Nitika, Updated: 02 Dec, 2021 06:33 PM
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखें निकाले जाने संबंधी मामले में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन मरीजों का आंकड़ा छुपा रहा है।
मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखें निकाले जाने संबंधी मामले में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन मरीजों का आंकड़ा छुपा रहा है। पटना से आई जांच टीम को देखकर सचिव दिलीप कुमार जालान और कर्मचारी गायब हो गए। इतना ही नहीं अस्पताल मरीजों की संख्या और नाम-पता देने में भी आनाकानी कर रही है।
पटना से आई राज्यस्तरीय टीम ने सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा के साथ बैठक की। टीम में शामिल वरीय अधिकारी डॉ. हर्षवर्धन ओझा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिर 3 दिन तक क्यों आंकड़े को दबाकर रखा गया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल पहुंचकर जायजा लिया। यहां सब कुछ बंद मिला। गार्ड से पूछताछ की लेकिन उसने भी कोई जानकारी नहीं दी।
वहीं सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा के बयान पर ब्रह्मपुरा थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई। टाउन डीएसपी रामनरेश पासवान और थानेदार अनिल गुप्ता सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सिविल सर्जन से जानकारी ली। उसी आधार पर आवेदन तैयार कर एफआईआर दर्ज की गई। इसमें पूरे अस्पताल प्रबंधन को आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि एफआईआर दर्ज होने की खबर मिलते ही अस्पताल के सभी डॉक्टर और सचिव दिलीप कुमार जालान गायब हो गए। इसके अतिरिक्त अस्पताल में कर्मचारी भी नहीं हैं।