Edited By Nitika, Updated: 18 Apr, 2022 06:18 PM
बिहार में 74 लाख टन धान गायब होने का मामला सामने आया है। चारा घोटाला मामले जैसा ही 1573 करोड़ रुपए का धान घोटाला हुआ है। इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि जिन नंबरों के ट्रक से ढुलाई हो रही थी, वह स्कूटर और ऑटो के थे।
पटनाः बिहार में 74 लाख टन धान गायब होने का मामला सामने आया है। चारा घोटाला मामले जैसा ही 1573 करोड़ रुपए का धान घोटाला हुआ है। इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि जिन नंबरों के ट्रक से ढुलाई हो रही थी, वह स्कूटर और ऑटो के थे। वहीं जिस मिल का अता-पता नहीं, उसे भी अफसरों ने धान दे दी।
दरअसल, 3 राइस मिल मालिकों पर 11 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला दर्ज है। मुजफ्फरपुर के बोचहां थाने में दर्ज इस मामले की जांच के क्रम में कई चौकाने वाले सबूत मिले हैं। साल 2012 से अगले 3 वर्षों के दौरान चावल मिल मालिकों ने 1573 करोड़ के 74 लाख टन से अधिक के धान के बदले चावल नहीं दिए। मुजफ्फरपुर में ही 31 मिल को दिए गए धान के बदले बिहार खाद्य निगम को 35009 टन चावल नहीं मिल पाया।
वहीं पुलिस सूत्राें के अनुसार, मुजफ्फरपुर के राइस मिल में जिन वाहनों से धान पहुंचाई गई, उसमें 21 नंबर अवैध हैं। इसमें 10 नंबर बाइक व स्कूटर, 4 ऑटो, 4 बस और बगैर ट्रैक्टर के 3 ट्रेलर के नंबर हैं। इतना ही नहीं अधिकारियों ने दूसरे जिले व राज्य के मिलरों के साथ गलत अनुबंध कर धान दिया।
बता दें कि सीआईडी राज्य के 1400 से अधिक चावल मिल मालिकों के खिलाफ जांच कर रही है। अब तक 280 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त बीएसएफसी के तत्कालीन जिला प्रबंधक संजय प्रियदर्शी की प्रोन्नति भी राेक दी गई।