Edited By Ramanjot, Updated: 05 Mar, 2024 12:40 PM
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘सोशल जुरिस्ट' द्वारा दायर एक अपील पर नोटिस जारी किया। गैर सरकारी संगठन ने पटना उच्च न्यायालय के 19 जनवरी 2024 के उस आदेश के...
नई दिल्ली/पटनाः उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका पर बिहार सरकार से जवाब मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय है, और उनमें मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘सोशल जुरिस्ट' द्वारा दायर एक अपील पर नोटिस जारी किया। गैर सरकारी संगठन ने पटना उच्च न्यायालय के 19 जनवरी 2024 के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसमें इसकी याचिका खारिज कर दी गई थी और कहा था कि सरकार राज्य में प्राथमिक शिक्षा को बेहतर करने के लिए सभी कदम उठा रही है।
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उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘हम इस तथ्य पर भी गौर करते हैं कि सरकार जिलों में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर नियमित रूप से बिहार के प्रत्येक स्कूल की निगरानी करने के लिए कदम उठा रही है। रिट याचिका खारिज की जाती है।'' वैशाली जिले के एक सरकारी स्कूल की छात्राओं ने विद्यालय में ‘दयनीय स्थिति' के विरोध में राज्य के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के वाहन को नुकसान पहुंचाया था। इस घटना का एक वीडियो वायरल होने पर गैर सरकारी संगठन ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी।