नीतीश-प्रशांत की बैठक को लेकर अटकलें तेज, CM बोले- इसका कोई राजनीतिक अर्थ न निकालें

Edited By Ramanjot, Updated: 20 Feb, 2022 11:02 AM

speculation intensifies regarding nitish prashant meeting

प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपनी मुलाकात को केवल शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि वह हमेशा नीतीश कुमार का सम्मान करते रहे हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें अपना स्नेह और आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा,...

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच बंद कमरे में हुई बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारे में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने खुद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर के साथ अपनी मुलाकात की पुष्टि की और कहा कि इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किशोर के साथ उनके लंबे समय से संबंध है और अगर उन्होंने उनसे मुलाकात की तो कुछ भी असामान्य नहीं है।

प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपनी मुलाकात को केवल शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि वह हमेशा नीतीश कुमार का सम्मान करते रहे हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें अपना स्नेह और आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार इस साल जनवरी में वह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे इसलिए मैं उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए उनसे मिला था। नीतीश कुमार ने पिछले साल भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मुझे फोन किया था। यह सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी।''

अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार की प्रशाांत किशोर से मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं। किशोर कथित रूप से केंद्र में वर्तमान सरकार के एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। किशोर कुछ महीने पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार थे लेकिन आखिरी समय में यह अमल में नहीं आ सका। बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पुष्टि की थी कि अंतिम समय में प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की राह में कुछ मुद्दे आ गए थे।

वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और कांग्रेस के महागठबंधन के गठन के पीछे प्रशांत किशोर का दिमाग था। महागठबंधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराकर विजयी हुआ था और नीतीश नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी थी। बाद में नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल किया और पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया। हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) सहित कुछ मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग विचार व्यक्त करने के बाद उन्हें जदयू से बर्खास्त कर दिया गया था।

प्रशांत किशोर ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की चुनावी रणनीति तैयार की थी, जिससे पार्टी को प्रभावशाली जीत मिली और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनावी रणनीति को भी ठीक किया था। प्रशांत किशोर को देश भर में राज्य विधानसभा चुनावों में विजयी होने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों की रणनीति तैयार करने का श्रेय दिया जाता है।

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