Edited By Nitika, Updated: 20 Mar, 2024 04:33 PM
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने असंतुष्ट सहयोगियों पशुपति कुमार पारस और उपेन्द्र कुशवाहा के बारे में कहा कि उनका विपक्षी महागठबंधन के साथ जाना ‘‘आत्मघाती'' होगा।
पटनाः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने असंतुष्ट सहयोगियों पशुपति कुमार पारस और उपेन्द्र कुशवाहा के बारे में कहा कि उनका विपक्षी महागठबंधन के साथ जाना ‘‘आत्मघाती'' होगा।
पारस के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने और बिहार के लिए सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सीट बंटवारे की घोषणा के समय कुशवाहा या उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के किसी सदस्य के मौजूद नहीं रहने पर प्रतिक्रिया देते हुए सिन्हा ने यह टिप्पणी की। जनवरी में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजग में वापसी के बाद उपमुख्यमंत्री बने सिन्हा ने कहा, ‘‘केवल भाजपा ही अपने सहयोगियों का सम्मान करना जानती है। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसका एहसास हो गया है।'' पारस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने उनके भतीजे चिराग पासवान को हाजीपुर सीट सौंपकर उनका अपमान किया है, जिसे खारिज करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘पारस बाबू के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है। यही कारण है कि इतने सालों तक उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया जिसने उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मौका दिया।”
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘लेकिन, हमें हर सहयोगी को उसका हक देना चाहिए, जिसे (चिराग को) उनके पिता (रामविलास पासवान) की मृत्यु के बाद भी कुछ नहीं मिला, उसे भी कुछ मिलना चाहिए।'' पारस ने रामविलास पासवान के निधन के बाद 2021 में चिराग के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी को विभाजित कर दिया था। इसके बाद पार्टी के अन्य सभी सांसदों के पारस के साथ जाने के कारण चिराग अलग-थलग पड़ गए थे। चिराग को दी गईं पांच सीट में हाजीपुर भी शामिल है, जहां से वह मौजूदा सांसद हैं। इस सीट से दिवंगत रामविलास पासवान कई बार सांसद रहे थे। हालांकि भाजपा ने पारस गुट के बारे में कुछ खास नहीं कहा है लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चिराग को उनके पिता का सच्चा उत्तराधिकारी मानती है।
सिन्हा ने यह भी कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि लोजपा एक परिवार के रूप में एकजुट रहे ताकि पूरा राजग एक परिवार की तरह काम कर सके।'' भाजपा नेता से यह भी पूछा गया कि क्या कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को केवल एक सीट मिलने से पार्टी नाराज है जबकि राजग में शामिल रहे उनके पुराने दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने 2014 में तीन सीट जीती थीं। कुशवाहा ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजग छोड़ दिया था। विपक्षी गठबंधन ने संकेत दिया है कि वह पाला बदलने के इच्छुक पारस या किसी अन्य राजग सहयोगी का ‘‘स्वागत'' करेगा, इसपर कटाक्ष करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘किसी भी पार्टी के लिए उनके साथ गठबंधन करना आत्मघाती होगा। उस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।''
इस बीच जदयू ने भी एक बयान जारी कर पारस से महागठबंधन के साथ नहीं जाने का आग्रह किया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि पारस को यह ध्यान रखना चाहिए कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाकर उन्हें जो सम्मान मिला है, वह बिहार के लोगों का एक कर्ज़ है।