Edited By Ramanjot, Updated: 07 Mar, 2024 11:10 AM
दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का मजाक बना रही है। फैसले के मुताबिक एसबीआई को सारे चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देनी थी, लेकिन दो दिन पहले एसबीआई ने...
पटना: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार पर इलेक्टोरल बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बॉन्ड घोटाला भाजपा के राजनीतिक-आर्थिक भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है।
"सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मजाक बना रही केंद्र सरकार"
दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का मजाक बना रही है। फैसले के मुताबिक एसबीआई को सारे चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देनी थी, लेकिन दो दिन पहले एसबीआई ने उच्चतम न्यायालय से 30 जून तक का समय मांगा है। उन्होंने स्वालिया लहजे में कहा कि इस डिजिटल जमाने में सिर्फ 22 हजार 217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने में इतना समय आखिर क्यों चाहिए। जाहिर सी बात है कि मोदी सरकार के दवाब में एसबीआई ऐसा कर रही है ताकि चुनावी बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक न हो सके। वह उम्मीद करते हैं कि उच्चतम न्यायालय अपने फैसले पर अडिग रहेगा।
"इलेक्टोरल बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला"
माले महासचिव ने कहा कि एसबीआई की अपील से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असली परिवार देश के मजदूर-किसान या छात्र-नौजवान नहीं बल्कि कॉर्पोरेट हैं। यह चंदा नहीं बल्कि राजनीतिक रिश्वत है। इलेक्टोरल बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला है। पूरी जानकारी आ जाए तो मोदी सरकार बेपर्द हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार लोकसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा होगा।