बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

Edited By Diksha kanojia, Updated: 08 Mar, 2022 12:55 PM

2 day seminar on artificial intelligence at birsa agricultural university

उन्होंने कहा कि आईटी का इस्तेमाल अब केवल सूचना के आदान-प्रदान के लिए नहीं बल्कि अधिकांश वैसे कार्यों के निष्पादन में भी किया जा रहा है जो मनुष्य द्वारा किए जाते हैं।

रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने समय, श्रम, संसाधन की बचत तथा ज्यादा परफेक्शन के साथ कृषि कार्य संपन्न करने के लिए कृषि क्षेत्र में सूचना संचार प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक इस्तेमाल पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आईटी का इस्तेमाल अब केवल सूचना के आदान-प्रदान के लिए नहीं बल्कि अधिकांश वैसे कार्यों के निष्पादन में भी किया जा रहा है जो मनुष्य द्वारा किए जाते हैं।

डॉ सिंह ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और इंटरनेट आफ थिंग्स आधारित स्मार्ट कृषि पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि अनुसंधान और विकास संगठनों को कृषि क्षेत्र के समक्ष भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं और चुनौतियों का अग्रिम आकलन करने में भी आईटी का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि उनसे निबटने के लिए समय पर प्रभावी रणनीतियां तैयार की जा सकें।

आईटी सेक्टर के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बढ़ाया गया बजट भी इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित करता है। उन्होंने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और सरकार द्वारा जारी किए गए उन्नत फसल प्रभेदों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी आईटी के इस्तेमाल पर जोर दिया। बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, कल्याणी, पश्चिम बंगाल के पूर्व कुलपति डॉ एम एम अधिकारी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के माध्यम से पर्यावरण, जैवविविधता और टिकाऊपन को ध्यान में रखते हुए कृषि गतिविधियों का संचालन और मॉनिटरिंग की जा सकती है।

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